Space Facts
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    Space Facts: इस अनंत ब्रह्मांड में बहुत सी चीजें हैं जिनके बारे में हम कभी कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। कुछ इतनी सुंदर हैं कि हमारी आंखें यकीन नहीं कर सकती और कुछ इतनी भयानक है कि हम उसके बारे में सुनकर ही आप सहम जाएंगे। अगर हम ब्रम्हांड में अपने सौरमंडल से थोड़ा आगे जाकर देखें तो हमें एक अलग ही दुनिया दिखाई देगी। इसमें जीवन है ऐसा वैज्ञानिक कहते हैं लेकिन हम उस तक पहुंच नहीं सकते, ये अबतक हमारी तकनीकी रुप से कमी रही है या फिर हम इतने उन्नत नहीं है कि वहां तक पहुंच सकें। या फिर यह भी हो सकता है कि वहां पर पलने वाली सभ्यताएं उतनी उन्नत ना हो कि हम तक पहुंच सके।

    वैज्ञानिक भी हैरान (Space Facts)-

    जहां हम जा नहीं सकते वहां हम सहारा लेते हैं हमारे द्वारा बनाए गए उपकरणों का और देखते हैं ब्रह्मांड में घूम रहे उन विचित्र ग्रहों को जिसने वैज्ञानिक को भी हैरान कर दिया है। इस अनंत ब्रह्मांड के बारे में आप जितना जानोगे उतने ही आश्चर्य से भरते चले जाओगे, जो हम सोच भी नहीं सकते वह इस ब्रह्मांड में मौजूद है और हमारे ब्रम्हांड को भी मान रहा है लेकिन वहां जाकर हमारे फिज़िक्स फेल हो जाते हैं।

    सबसे काला ग्रह (Space Facts)-

    क्या आप जानते हैं कि कौन सा ग्रह बृहस्पति से भी बड़ा है या आपने ऐसे ग्रह को देखा है जो आजतक खोजा गया सबसे काला ग्रह है। या ऐसा ग्रह जहां सबसे ज्यादा चट्टानी धरातल मौजूद है, और वातावरण कैसा है उसका, ऐसा कौन सा ग्रह है जहां पर पृथ्वी से भी ज्यादा पानी मौजूद है। किस ग्रह के सबसे विशाल छल्ले हैं शनि ग्रह के रिंग्स उसके सामने कुछ भा नहीं है, कहां है वह ग्रह जो फ्ज़िक्स के नियमों को नहीं मानता। कहां है सबसे बड़ा सौरमंडल औक क्या है इसकी खासियत और किस ग्रह का रंग सबसे अनोखा है और क्यों है गुलाबी यह सब जानेंगे हम आज की इस वीडियो में तो वीडियो में बने रहिएगा।

    WASP 12B (Space Facts)-

    सबसे पहले बात करते हैं WASP 12B की यह ग्रह 1 अप्रैल 2008 को खोजा गया.यह ग्रह गैस का बना है जो धरती से 1200 प्रकाश वर्ष की दूरी पर है, प्रकाश वर्ष प्रकाश द्वारा तय की गई एक वर्ष में दूरी है इसके सारे गुण हमारे समुद्र के जुपिटर ग्रह से मिलते हैं और यह भी जुपिटर की तरह ही अपने स्टार WASP 12 के चक्कर लगाता है। लेकिन यह जुपिटर के मुकाबले दोगुना बड़ा है और इसका द्रव्यमान भी जुपिटर से 1.4 गुना जाता है। यह अपने स्टार का चक्कर लगाने में सिर्फ 25 घंटे लेता हैं यानी कि यहां पर साल सिर्फ 25 घंटे का है।

    स्टार के बहुत नजदीक होने के कारण इसका तापमान 2210 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। इसकी खास बात यह है कि इसका स्टार इसे बहुत तेज़ी से खींच रहा है। जिसकी वजह से ग्रह में बहुत ज्यादा ग्रेविटी और टाइटल फोर्स का इस्तेमाल होता है और इसी वजह से WASP 12B अंडे के आकार का बनता जा रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है 10 मिलियन साल बाद WASP 12B का स्टार इसे पूरी तरह से निगल जाएगा।

    55 कैंक्री E (Space Facts)-

    55 कैंक्री E जो हीरे का बना हुआ है इसे 30 अगस्त 2004 को खोजा गया एक खास एक्सो प्लेनेट है जिसकी सतह हीरे से बनी हुई है। यह पृथ्वी से 40 प्रकाश वर्ष की दूरी पर है। यह एक कार्बन से बना ग्रह है और यह आकार में पृथ्वी से दोगुना बड़ा है और इसका द्रव्यमान पृथ्वी से आठ गुना ज्यादा है, यह ग्रह भी अपने पेरेंट्स स्टार का चक्कर लगाता है और एक चक्कर पूरा करने में इसे सिर्फ 18 घंटे लगते हैं।

    बहुत ज्यादा तापमान अब सिर्फ 18 घंटे लगते हैं। अपने स्टार से बहुत ज्यादा करीब होने के कारण इस ग्रह का तापमान 2700 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। बहुत ज्यादा तापमान और कार्बन का बने होने के कारण इस ग्रह की परिस्थितिया हीरा बनाने के लिए पूरी तरह से अनुकूल हैं और इस तरह इसकी सतह पर बहुत सारे हीरे मौजूद है। इसकी हवाओं और उसके वातावरण में भी हीरे तैरते हैं।

    HD149026 B ग्रह-

    HD149026 B इस ग्रह को अबतक का खोजा गया सबसे काला ग्रह कहा जाता है। ब्लैक होल के बाद यह सबसे काला ग्रह है। यह हमारी पृथ्वी से 256 प्रकाश वर्ष की दूरी पर है और यह अब तक का खोजा गया स्पेस का सबसे काला ग्रह है। यह भी जुपिटर की ही तरह गैंस से बना है, लेकिन इसका तापमान 2700 डिग्री सेल्सियस है, जो जुपिटर से तीन गुना से ज्यादा है। इस ग्रह की सबसे खास बात यह है कि यह किसी भी तरह के प्रकाश को बिल्कुल भी प्रतिबिंबित नहीं करता है यानी कि यह पूरे के पूरे प्रकाश को अवशोषित करने की क्षमता रखता है। यह बिल्कुल कोयले की तरह काला है, इसे अंतरिक्ष में देख पाना बहुत मुश्किल है, यह अबतक का सबसे काला ग्रह है।

    J1407B (Space Facts)-

    J1407B यह प्लेनेट हमारी पृथ्वी से 434 प्रकाश वर्ष की दूरी पर है, सिर्फ 16 मिलियन साल पुरानी है। इस ग्रह की खासियत इसके छल्ले हैं जो हमारे शनि ग्रह के ही तरह हैं लेकिन शनि ग्रह के मुकाबले यह 640 गुना बड़े हैं। इसीलिए इस ग्रह को g140 सुपर सेटर नाम दिया गया है। J1407B के रिंग्स इतने विशाल हैं कि इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते कि इसकी रिंग 7 करोड़ किलोमीटर तक फैले हुए हैं। अगर J1407B हमारे सौरमंडल में होता तो हमारी पृथ्वी से देखने में काफी सुंदर लगते। लेकिन यह बहुत कतरनाक बी हो सकते थे, क्योंकि इसके रिंग्स एसटेरोइड्स के टुकड़ो से बने हुए हैं और अगर इनमें से एक भी टुकड़ा भटककर धरती पर आ जाता तो इंसानों को भी डायनासोर की तरह खत्म करने की क्षमता रखता।

    Kepler 452B दूसरी पृथ्वी-

    Kepler 452B जिसे दूसरी पृथ्वी कहा जाता है सालों से वैज्ञानिक पृथ्वी जैसे ग्रह की खोज में लगे हुए हैं और 2015 में खोजा गया Kepler 452B उनकी सबसे बड़ी सफलता है क्योंकि यह ग्रह कई मायनो में पृथ्वी जैसा है। इसलिए इस ग्रह को सुपर अर्थ या अर्थ 2.o भी कहते हैं। यह ग्रह पृथ्वी से लगभग 1.5 गुना बड़ा है और इसके तारे से दूरी भी पृथ्वी और सूरज की दूरी जितनी है। यानी की एक एस्ट्रोनोमिकल इवेंट है और इस ग्रह का तापमान पृथ्वी की तरह ही ना ज्यादा गर्म है और ना ज्यादा ठंडा है। यह ग्रह भी पृथ्वी की तरह ही अपने तारे का एक चक्कर काटती है।

    इसे यह एक चक्क पूरा करने में 385 दिन लगते हैं यानी कि इसका एक साल में हमारे 1 साल के लगभग बराबर है। यह पृथ्वी की ही तरह बड़ी चट्टानों, ज्वालामुखी और समुद्र जैसी चीजों से भरा पड़ा है। वैज्ञानिक कहते हैं वहां पर भी इस समय पृथ्वी की तरह ही जीवन मौजूद है। लेकिन दुख की बात यह है कि यह ग्रह पृथ्वी से 1800 प्रकाश वर्ष दूर है और इंसानों की बनाई गई सबसे तेज स्पेस क्राफ्ट की गति 69 हज़ार किलोमीटर प्रति घंटा है। इस गति से भी हमें Kepler 452B पर पहुंचने में 3 करोड़ साल का समय लग सकता है या ऐसा भी हो सकता है कि Kepler 452B पर कोई ऐसी सभ्यता हो जो हमसे ज्यादा एडवांस हो और वह किसी तरह से हमारी पृथ्वी की खोज कर रही हो, जहां पर जीवन हो सकता है।

    GLIESE 1214B सबसे ज्यादा पानी वाला ग्रह-

    GLIESE 1214B सबसे ज्यादा पानी वाला ग्रह, इस एक्सो प्लेनेट को दिसंबर 2009 में खोजा गया था और यह हमारी पृथ्वी से 48 प्रकाश वर्ष की दूरी पर है। इसकी खास बात यह है कि यह पूरा पानी से भरा हुआ है। यहां पर कोई सूखी ज़मीन नही है और यह सबसे ज्यादा पानी वाला एक्सोप्लैनेट बहुत बड़ी पानी की बूंद की तरह दिखाई देता है।

    पृथ्वी की सबसे गहरी जगह प्रशांत महासागर में की गहराई 11 किलोमीटर है। लेकिन GLIESE 1214B इसके मुकाबले 8 गुना बड़ा है और वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इसके समुद्र 9000 किलोमीटर तक गहरे हो सकते हैं और अनुमान यह है कि पानी इतनी गहराई में मौजूद हो सकते हैं कि पानी में जीवन हो सकता है। क्या आप भी मानते हैं कि पानी पर जीवन हो सकता है और इस ग्रह पर अवश्य जीवन होगा तो कमेंटप्लीज बताएं।

    GLIESE 436B एक ऐसा ग्रह जो फिजिक्स के नियम-

    GLIESE 436B एक ऐसा ग्रह जो फिजिक्स के नियम को नहीं मानता जो बिल्कुल आज़ाद है वैज्ञानिक ने GLIESE 436B नाम का एक ऐसा ग्रह खोजा है जो हमारी पृथ्वी पर पढ़ाई जाने वाले फिजिक्स के नियम को नहीं मानता, उन्हें गलत साबित कर देता है। यह आकार में हमारे सौरमंडल में मौजूद नेप्च्यून के जितना बड़ा है। लेकिन यह अपने पेरेंट्स स्टार से बहुत करीब से चक्कर काटता है। इसी वजह से इस ग्रह का तापमान 439 डिग्री सेल्सियस तक है जो हमारे शुक्र ग्रह के आसपास है।

    लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि यह ग्रह पूरी तरह से बर्फ से बना हुआ है और वैज्ञानिकों के अनुसार इतने तापमान में बर्फ को पीघलकर तरल बन जाना चाहिए। लेकिन इसकी सतह पर बर्फ मोजूद है, 439 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर बर्फ जमी हुई है। तो आप ही अंदाज़ा लगाईए कि यह फिज़िक्स के कौन से नियम को मानता होगा।

    2 Mass J2126-8140-

    2 Mass J2126-8140 सबसे बड़ा सौरमंडल, यह तो सभी लोग जानते कि कोई भी ग्रह अपने तारे आज सूर्य का चक्कर काटते हैं और उनका खुद का सौरमंडल होता है लेकिन 2 Mass J2126-8140 एक ऐसा एक्सो प्लेनेट है जो TYC 9486-927-1 नाम के रेड ड्वार्फ तारे का चक्कर लगाता है, लेकिन सबसे अजीब बात यह है कि एक ट्रिलियन किलोमीटर दूर है जो कि सूर्य और पृथ्वी की दूरी से 7000 गुना ज्यादा है। 2 Mass J2126-8140 को अपने स्टार का चक्कर काटने में लाखों साल लग जाते हैं यह ब्रम्हांड में अबतक का सबसे बड़ा सोलर सिस्टम हैं, लेकिन वैज्ञानिक हैरान है कि इतने बड़े सौर मंडल का निर्माण कैसे हुआ होगा और कैसे यह इतनी दूर अपने स्टार का चक्कर लगाता है। कितना मजबूत है उसे तारे का ग्रेविटेशनल जो एक ट्रिलियम दूर से अपने ग्रह को बांधे हुए है।

    GJ504-

    GJ504 आपने बहुत सारे ग्रहों की तस्वीरें देखी होगी जो रंगबिरंगे होते हैं, इस ग्रह को 2013 में हवाई के सुबारु टेलिस्कोप की मदद से खोजा गया था। यह भी जुपिटर की तरह ही गैंस से बनी हुआ है और आकार में बी जुपिटर के जितना ही है। लेकिन इसका मास जुपिटर से 4 गुना ज्यादा है। इसकी सबसे खास बात इसका गुलाबी रंग है और इस रंग पहला ऐसा ग्रह है, वैज्ञानिको का कहना है कि इसका गुलाबी रंग इसलिए है क्योंकि यह अबी नया बना है, यह सिर्फ 160 मिलियन साल पुराना है और समय इसका रंग भी बाकी के गैस वाले ग्रहों जैसा ही हो जाएगा।

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    TOI 849b एक्सो प्लेनेट-

    TOI 849b इस एक्सो प्लेनेट को 2020 में नासा के सैटेलाइट ट्रांज़िटिंग एक्सोप्लेनेट सर्विस सैटेलाइट टेस द्वारा खोजा गया था और यह हमारी पृथ्वी से 700 प्रकाश वर्ष दूर है इस प्लेनेट की खास बात यह है कि इस पर कोई भी वातावरण मौजूद नहीं है यह अपने पेरेंट् स्टार के बहुत ज्यादा करीब से होकर चक्कर लगाता है जिस वजह से इसका तापमान 1500 डिग्री सेल्सियस तक है इस ग्रह का एक चक्कर मात्र 18 घंटे का होता है, इस ग्रह पर बहुत बड़े-बड़े चट्टान मौजूद है और अब तक का खोजा गया सबसे बड़ा और सबसे वॉकी वर्ल्ड कहा जाता है। आज की वीडियो में बस इतना ही आपको कौन सा ग्रह सबसे ज्यादा पसंद आया कमेंट में लिखकर जरूर बताइएगा।

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