Arvind Kejriwal
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    Arvind Kejriwal: हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक इंटरव्यू में कहा है कि वह आशावादी हैं, कथित शराब नीति घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी भारतीय राजनीति में दूसरों के लिए एक मिसाल नहीं बनेगी। जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें यकीन है, कि अन्य राजनेताओं में नैतिकता की कमी नहीं होगी। अरविंद केजरीवाल फिलहाल 7 मई तक न्यायिक हिरासत में हैं और तिहाड़ जेल परिसर के अंदर से दिल्ली सरकार चला रहे हैं।

    प्रधानमंत्री ने इंटरव्यू के दौरान क्या कहा Arvind Kejriwal-

    प्रधानमंत्री ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि "मैं आशावादी हूं कि केजरीवाल की गिरफ्तारी एक मिसाल नहीं बनेगा, मुझे लगता है कि अन्य नेताओं में नैतिकता की इतनी कमी नहीं होगी और वह इस हद तक नहीं जाएंगे। 21 मार्च को अरविंद केजरीवाल को कथित तौर पर दिल्ली शराब घोटाले मेंसे जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद केजरीवाल को तिहाड़ जेल ले जाया गया और तब से वह वहीं पर बंद हैं।

    राजनीतिक पार्टी के लिए मुश्किलें पैदा (Arvind Kejriwal)-

    इस सबके बीच दिल्ली के सीएम ने ईडी द्वारा दायर किए गए हलफनामें का जवाब देते हुए कहा, सुप्रीम कोर्ट को कहा कि शराब नीति घोटाला मामले में उनकी गिरफ्तारी ईडी और धन संशोधन निवारण अधिनियम यानी पीएमएलए का दुरुपयोग करके अपने सबसे बड़े प्रतिद्वंदी को कुचलने का मामला है। उनके वकील का कहना है कि चुनावी मौसम के दौरान जब राजनीति अपने चरम पर है, तो केजरीवाल की गिरफ्तारी से उनकी राजनीतिक पार्टी के लिए मुश्किलें पैदा हुई हैं। आम चुनाव में सत्तारुढ़ी भाजपा अन्यायपूर्ण बढ़त मिलेगी।

    लोकतंत्र के सिद्धांतों पर हमला-

    केजरीवाल के वकील ने तर्क दिया कि उनकी गिरफ्तारी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव और संघवाद के सिद्धांतों पर आधारित लोकतंत्र के सिद्धांतों पर हमला है। पीढ़ी ने अपने हलफनामें में यह उल्लेख किया कि कथित शराब नीति घोटाले के दौरान लगभग 170 मोबाइल फोन को नष्ट करने समेत सबूत के साथ महत्वपूर्ण छेड़छाड़ भी की गई है। जिसे देखते हुए केजरीवाल को गिरफ्तार करना जरूरी था। दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामला 2021-22 के लिए अरविंद केजरीवाल की उत्पादक शुल्क नीति के निर्माण, कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्डिंग से संबंधित है, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया।

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    कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा-

    इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि राजभवन को कांग्रेस भवन में बदलने वाली कांग्रेस पार्टी को राज्यपाल पद की सुचिता के बारे में बोलने का अधिकार नहीं है। प्रधानमंत्री से पहले मैं एक दशक से ज्यादा तक एक राज्य का मुख्यमंत्री रहा हूं, सालों तक मैंने कांग्रेस के राज्यपाल के अधीन काम किया है, मैं उनका सम्मान करता था और हमारे मतभेदों के बावजूद वह मेरा सम्मान करते थे। भारत की आजादी के बाद शायद पहली बार हम अलग-अलग राज्यों में राज्यपालों के इस स्तर पर हमले देख रहे हैं। हमें यह समझना चाहिए कि राज्यपाल केंद्र और राज्य सरकार के बीच एक सेतु का काम करता है, जो विविध और विशाल राष्ट्रीय के प्रशासन में जरूरी संतुलन लाता है।

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