Aadhaar Card New Rules 2025: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने आधार नामांकन और सुधार के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। आधार (नामांकन और अपडेट) तीसरा संशोधन विनियम, 2025 के तहत जारी इन नए नियमों ने उन दस्तावेजों की सूची को संशोधित कर दिया है, जिन्हें लोग पहचान, पते, रिश्ते या जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में जमा कर सकते हैं। यह अपडेट सभी आयु वर्ग के लिए लागू है, चाहे वह बच्चे हों, युवा हों या बुजुर्ग।
आधार कार्ड आज के समय में सबसे जरूरी डॉक्यूमेंट बन गया है। बैंक अकाउंट खोलना हो, मोबाइल सिम लेना हो, या फिर किसी सरकारी योजना का फायदा उठाना हो, हर जगह आधार की मांग होती है। ऐसे में UIDAI का यह फैसला करोड़ों भारतीयों के लिए बेहद अहम है। नए नियम यह सुनिश्चित करते हैं, कि लोगों को आधार बनवाने या उसमें सुधार करवाने में कोई परेशानी न हो।
बच्चों के लिए क्या है नई व्यवस्था-
पांच से अठारह साल की उम्र के बच्चों के लिए UIDAI ने सात प्रकार के दस्तावेज स्वीकार्य बताए हैं। इनमें जन्म प्रमाण पत्र सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है, क्योंकि यह पते के प्रमाण, रिश्ते के प्रमाण और जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में काम कर सकता है। यह एक ऐसा डॉक्यूमेंट है जो लगभग हर परिवार के पास उपलब्ध होता है।
वैध भारतीय पासपोर्ट एक और अहम दस्तावेज है, जो सभी चार श्रेणियों के लिए मान्य है। इसके अलावा डोमिसाइल सर्टिफिकेट, एसटी एससी ओबीसी सर्टिफिकेट, कानूनी अभिभावक के दस्तावेज, डीसीपीओ सर्टिफिकेट और ट्रांसजेंडर आईडी कार्ड भी शामिल हैं। माता-पिता के लिए यह जानना जरूरी है कि उन्हें अपने बच्चों का आधार बनवाते समय कौन से दस्तावेज तैयार रखने हैं।
बच्चों के आधार में एक खास बात यह है, कि उन्हें अपने परिवार के मुखिया से जोड़ा जाता है। इसलिए रिश्ते के प्रमाण वाले दस्तावेज बेहद जरूरी हो जाते हैं। जन्म प्रमाण पत्र इस मामले में सबसे उपयोगी साबित होता है, क्योंकि इसमें बच्चे और माता-पिता दोनों का नाम होता है।
वयस्कों के लिए विस्तृत दस्तावेज सूची-
अठारह साल या उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए UIDAI ने बाईस प्रकार के दस्तावेज स्वीकार किए हैं। इस सूची में सरकारी और गैर-सरकारी दोनों तरह के दस्तावेज शामिल हैं। वैध भारतीय पासपोर्ट सबसे शक्तिशाली दस्तावेज है क्योंकि यह पहचान पत्र, पते के प्रमाण और जन्म तिथि के प्रमाण, तीनों के लिए काम आता है।
राशन कार्ड या पीडीएस कार्ड भी एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो पहचान और पते दोनों के लिए मान्य है। यह दस्तावेज खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए बेहद उपयोगी है। वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, सरकारी सेवा आईडी, पेंशनर या फ्रीडम फाइटर आईडी भी स्वीकार्य हैं।
स्वास्थ्य और रोजगार से जुड़े दस्तावेज जैसे सीजीएचएस, ईसीएचएस, ईएसआईसी या मेडी-क्लेम कार्ड केवल पहचान के लिए मान्य हैं। मनरेगा जॉब कार्ड और डोमिसाइल सर्टिफिकेट दोनों पहचान और पते के प्रमाण के रूप में काम करते हैं। शिक्षा बोर्ड या यूनिवर्सिटी की मार्कशीट पहचान और जन्म तिथि के लिए स्वीकार्य है।
पते के प्रमाण के लिए यूटिलिटी बिल-
बिजली, पानी, टेलीफोन, ब्रॉडबैंड या मोबाइल का बिल, जो तीन महीने से पुराना न हो, पते के प्रमाण के रूप में मान्य है। यह सुविधा शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए बेहद सुविधाजनक है। गैस बिल भी तीन महीने से पुराना नहीं होना चाहिए। प्रॉपर्टी टैक्स रसीद एक साल तक वैध रहती है।
सेल, रेंट या लीज एग्रीमेंट भी पते के प्रमाण के लिए स्वीकार किया जाता है। सरकारी आवंटन पत्र एक साल तक मान्य है। जीवन बीमा या चिकित्सा बीमा पॉलिसी भी पते के प्रमाण के रूप में जमा की जा सकती है। ये विकल्प उन लोगों के लिए मददगार हैं, जो किराए के मकान में रहते हैं या जिनके नाम पर यूटिलिटी बिल नहीं हैं।
आधार अपडेट करने के लिए विस्तारित विकल्प-
UIDAI ने आधार में सुधार करने के लिए 31 प्रकार के दस्तावेज स्वीकार किए हैं। यह सूची सबसे व्यापक है और सभी प्रकार के लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाई गई है। इसमें वे सभी दस्तावेज शामिल हैं, जो नामांकन के लिए मान्य हैं, साथ ही कुछ अतिरिक्त विकल्प भी हैं।
मैरिज सर्टिफिकेट पहचान, पते और रिश्ते के प्रमाण के लिए स्वीकार्य है। डिवोर्स डिक्री केवल पहचान के लिए काम आती है। बैंक या पोस्ट ऑफिस की पासबुक, जिसमें नाम और फोटो हो और जो स्टाम्प और साइन की गई हो, पते के प्रमाण के लिए मान्य है। बैंक स्टेटमेंट या क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट तीन महीने तक वैध रहता है।
गजट नोटिफिकेशन नाम बदलने के लिए पहचान पत्र के रूप में काम करता है। एमपी, एमएलए, नगर पार्षद या राजपत्रित अधिकारी का सर्टिफिकेट पते के प्रमाण के लिए स्वीकार्य है। कैदियों के लिए प्रिजनर इंडक्शन डॉक्यूमेंट पहचान और पते दोनों के लिए मान्य है। सेल्फ डिक्लेरेशन परिवार के सदस्यों द्वारा पते के लिए दिया जा सकता है।
क्यों है यह बदलाव जरूरी-
आधार कार्ड आज देश की सबसे बड़ी पहचान प्रणाली है। करोड़ों लोगों ने अपना आधार बनवाया है, लेकिन अभी भी कई लोग ऐसे हैं जिन्हें दस्तावेजों की कमी के कारण परेशानी होती है। UIDAI का यह कदम इसी समस्या का समाधान है। नए नियम यह सुनिश्चित करते हैं कि हर व्यक्ति के पास कोई न कोई दस्तावेज उपलब्ध हो जिससे वह आधार बनवा सके या उसमें सुधार करवा सके।
खासकर ग्रामीण क्षेत्रों और गरीब परिवारों के लिए यह बदलाव काफी फायदेमंद साबित होगा। कई बार लोगों के पास सभी दस्तावेज नहीं होते, लेकिन अब विकल्पों की बढ़ी हुई संख्या से उन्हें राहत मिलेगी। सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आधार अनिवार्य है, इसलिए यह पहल समावेशी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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कैसे करें आवेदन-
आधार बनवाने या उसमें सुधार करवाने के लिए लोग अपने नजदीकी आधार केंद्र पर जा सकते हैं। UIDAI की वेबसाइट पर नजदीकी केंद्र की जानकारी उपलब्ध है। अपने साथ आवश्यक दस्तावेज लेकर जाएं और ऑपरेटर की मदद से प्रक्रिया पूरी करें। बायोमेट्रिक डेटा और फोटोग्राफ लिया जाएगा। कुछ दिनों में आपका आधार कार्ड रजिस्टर्ड पते पर पहुंच जाएगा।
ऑनलाइन भी आधार में कई तरह के अपडेट किए जा सकते हैं। UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आप अपना मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और अन्य जानकारी अपडेट कर सकते हैं। हालांकि, कुछ महत्वपूर्ण बदलाव के लिए आपको केंद्र पर ही जाना होगा। नए नियमों को जानने के लिए UIDAI की वेबसाइट पर नियमित रूप से चेक करते रहें।
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