Navratri 2023 Day6: नवरात्रि के छठे दिन मां दुर्गा के उग्र रूप मानी जाने वाली मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। यह माता शक्ति का एक शक्तिशाली रूप है। माता कात्यायनी को महिषासुरवर्धिनी या राक्षस महिषासुर का वध करने वाली के रूप में भी जाना जाता है। उन्हें 18 हाथ से दर्शाया गया है, वामन पुराण के मुताबिक वह देवताओं ब्रह्मा, विष्णु और शिव की संयुक्त ऊर्जा से बनाई गई थीं। जब राक्षस महिषासुर पर उनका क्रोध ऊर्जा के रूप में प्रकट हुआ था। कात्यायनी ऋषि देवी दुर्गा के प्रबल भक्त थे और उनकी भक्ति और आराधना से प्रभावित होकर देवी दुर्गा ने देवी के पिता बनने की उनकी इच्छा पूरी की।
ऐसा कहा जाता है कि कात्यायनी की पूजा करने से भक्तों का मांगलिक दोष दूर हो जाता है और विवाहित लड़कियां भी अपनी पसंद का पति पाने की उम्मीद से इस दिन व्रत रखती हैं। मां कात्यायनी को शुद्ध शहद का प्रसाद या शहद से बनी मिठाई चढ़ाई जाती है। आईए जानते हैं कि आप इसे कैसे बना सकते हैं-
शहद आटा हलवा बनाने के लिए सामग्री-
शहद आटा हलवा बनाने के लिए आपको मक्खन, गेहूं का आटा, शहद, पानी, कटे हुए पिस्ते और बादाम छोटी चम्मच इलायची पाउडर।
विधी-
इसे बनाने के लिए एक पैन को गर्म करें और उसमें गेहूं का आटा डाल दें, फिर उसे तब तक भूने जब तक इसमें से खुशबू ना आने लगे और यह ब्राउन ना हो जाए, अच्छे से भून जाने के बाद इस मिश्रण में शहद मिलाकर पानी में डालें और तब तक अच्छे से मिलाएं जब तक की यह भून जाए, अंत में हलवे में कटे हुए मेवे और इलायची डाल दीजिए, इसे तब तक मिलाते रहें जब तक यह मनचाही स्थिति में ना आ जाए, फिर गैस को बंद करें और उसके ऊपर शहद डालें।
शहद सेब का हलवा बनाने के लिए सामग्री-
शहद सेब का हलवा बनाने के लिए आपको मध्यम आकार के सेब, घी, सुखे मेवे, एक कप फुल क्रीम दूध, शहद, इलायची पाउडर चाहिए होगा।
ये भी पढ़ें- Navratri 2023 Day 5: मां स्कंदमाता के भोग की विधी, यहां जानें सब
विधी-
सेब को कद्दूकस करके अलग रखें, फिर कढ़ाई में घी गर्म करें और उसमें सुखे में भी डालकर धीमी आंच पर भूनें और उन्हें एक तरफ रख दें। फिर एक कढ़ाई में कद्दूकस किया हुआ सेब डालें और माध्यम से तेज आंच पर पकाएं, जब ये गाढ़ा हो जाए तो इसमें दूध या मेवा मिलाने का समय आ गया, फिर इसे गढ़ा होने तक पकाएं और शहद मिलाएं। इसे माध्यम से तेज आंच पर भूनें, इसमें एक चम्मच घी और इलायची पाउडर डालकर चलाते रहें, हलवे में भुने हुए मेवे मिला दीजिए। आपका हवा मां कात्यानी को भोग लगिने के लिए तैयार है।
ये भी पढ़ें- Navratri 2023 Day 4: मां कुष्मांडा पूजा विधी, शुभ मुहुर्त, महत्व और भोग