Delhi Pollution
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    Delhi Pollution: राजधानी दिल्ली एक बार फिर जहरीली हवा की चपेट में है। प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया है, कि डॉक्टर्स और एक्सपर्ट्स ने इसे ‘जानलेवा स्थिति’ करार देते हुए साफ कह दिया है, कि अब मास्क पहनना भी काफी नहीं है। राजधानी की सड़कों पर घना स्मॉग छाया हुआ है और विजिबिलिटी इतनी कम हो गई है कि लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो रहा है।

    एम्स के डॉक्टर ने दी गंभीर चेतावनी-

    एम्स के पल्मोनरी मेडिसिन और स्लीप डिसऑर्डर विभाग के HOD डॉ. अनंत मोहन ने ANI से बात करते हुए दिल्ली की हवा को बेहद खतरनाक बताया। उन्होंने कहा कि राजधानी में प्रदूषण का यह संकट बिल्कुल गंभीर है और यह लोगों की जिंदगी के लिए खतरा बन चुका है। डॉक्टर ने इस बात पर चिंता जताई कि पिछले दस सालों से यह समस्या बनी हुई है और जमीनी स्तर पर कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है।

    डॉ. मोहन ने कहा, “यहां का प्रदूषण बिल्कुल गंभीर और जानलेवा है। यह स्थिति पिछले दस सालों से चल रही है। हम हर बार कुछ करने की कोशिश करते हैं, लेकिन वास्तविकता में, ग्राउंड लेवल पर मुझे ज्यादा बदलाव नजर नहीं आता।”

    सिर्फ फेफड़े नहीं, दूसरे अंग भी हो रहे प्रभावित-

    एम्स के डॉक्टर ने बताया, कि अब प्रदूषण का असर सिर्फ सांस की बीमारियों तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि यह शरीर के दूसरे अंगों को भी नुकसान पहुंचा रहा है। कई लोगों की हालत इतनी गंभीर हो रही है, कि उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ रहा है। अस्पतालों के OPD और इमरजेंसी वार्ड में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

    डॉ. मोहन ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “सिर्फ रेस्पिरेटरी नहीं, अब यह दूसरे अंगों को भी प्रभावित कर रहा है। कई लोग जानलेवा स्थितियों का सामना कर रहे हैं। आउटपेशेंट और इमरजेंसी रूम दोनों में निश्चित रूप से वृद्धि हुई है। कई लोगों को तो वेंटिलेटर पर भी रखना पड़ रहा है।”

    उन्होंने जिम्मेदार एजेंसियों से समय रहते कड़े कदम उठाने की अपील की है। डॉक्टर का मानना है, कि इस स्थिति को ‘पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी’ की तरह ट्रीट किया जाना चाहिए ताकि लोगों की जान बचाई जा सके।

    एक दिन की राहत के बाद फिर बिगड़ी हवा की क्वालिटी-

    महज एक दिन की मामूली राहत के बाद बुधवार, 19 नवंबर को दिल्ली की एयर क्वालिटी फिर से बिगड़ गई है। समीर ऐप के अनुसार, AQI जो मंगलवार को 341 था, वह बुधवार को बढ़कर 388 तक पहुंच गया है, जो ‘बहुत खराब’ कैटेगरी में आता है। आज 16 मॉनिटरिंग स्टेशनों पर ‘गंभीर’ स्तर दर्ज किया गया, जबकि मंगलवार को केवल तीन स्टेशनों पर 400+ का आंकड़ा पार हुआ था। इससे साफ है कि राजधानी में प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है।

    बुधवार को सिर्फ एक स्टेशन पर ‘खराब’ एयर क्वालिटी रिपोर्ट की गई, जबकि मंगलवार को पांच स्टेशन ‘खराब’ कैटेगरी में थे और दो स्टेशन ‘मध्यम’ रेंज में थे। यह आंकड़े दिखाते हैं कि राजधानी की हवा की गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है।

    स्मॉग की मोटी चादर ने ढकी दिल्ली-

    दिल्ली अपना दिन लगातार स्मॉग की मोटी परत के साथ शुरू कर रही है, जिसके कारण कई इलाकों में विजिबिलिटी काफी कम हो गई है। सुबह के वक्त धुंध इतनी घनी होती है कि लोगों को गाड़ी चलाने में भी दिक्कत होती है। सड़कों पर चलते हुए आंखों में जलन और गले में खराश जैसी समस्याएं आम हो गई हैं।

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    प्रदूषण का यह संकट सिर्फ हेल्थ इमरजेंसी नहीं, बल्कि एक सामाजिक और पर्यावरणीय आपदा भी बन चुका है। बच्चे, बुजुर्ग और सांस की बीमारियों से पीड़ित लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। लोगों को घर से बाहर निकलने में डर लग रहा है और स्कूल-कॉलेज बंद करने की मांग भी जोर पकड़ रही है।

    डॉक्टरों की मानें, तो अब समय आ गया है, कि सरकार और संबंधित एजेंसियां इस मुद्दे को गंभीरता से लें और लंबे समय के लिए प्रभावी समाधान निकालें। वरना यह स्थिति हर साल और भी भयावह होती जाएगी और लाखों लोगों की सेहत खतरे में पड़ जाएगी।

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