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    Viral Video: दुनिया भर में शराब पीने का अपना-अपना तरीका और संस्कृति है। कहीं व्हिस्की की महफिलें सजती हैं, तो कहीं वाइन की बोतलें खुलती हैं। बीयर से लेकर रम तक, हर किस्म की अपनी अलग पहचान है। लेकिन क्या आपने कभी ऐसी शराब के बारे में सुना है, जो थूक से बनाई जाती हो? जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा। दक्षिण अमेरिका के घने अमेज़न जंगलों में एक ऐसी पारंपरिक शराब आज भी बनती है, जिसकी बनाने की विधि सुनकर लोगों के होश उड़ जाते हैं। इसका नाम है ‘चिचा डे युवा’ और इसकी कहानी उतनी ही दिलचस्प है जितनी हैरान करने वाली।

    कैसे बनती है ये शराब?

    चिचा डे युवा बनाने का तरीका सुनकर शायद आप थोड़ा अजीब महसूस करें, लेकिन यह एक प्राचीन परंपरा है, जो हजारों सालों से चली आ रही है। इस खास ड्रिंक को बनाने के लिए स्थानीय महिलाएं सबसे पहले ‘युवा’ यानी कैसावा नाम की एक जड़ को अच्छे से उबालती हैं ताकि वह नरम हो जाए। कैसावा दरअसल एक स्टार्च वाली जड़ है, जो इस इलाके में आसानी से मिल जाती है।

    अब आता है, सबसे चौंकाने वाला हिस्सा। उबली हुई कैसावा को महिलाएं अपने मुंह में रखकर अच्छे से चबाती हैं। चबाने के बाद इस मिश्रण को वे अपने थूक के साथ एक बड़े बर्तन में उगल देती हैं। यह प्रक्रिया तब तक चलती है, जब तक पर्याप्त मात्रा में मिश्रण तैयार नहीं हो जाता। इसके बाद इस मिश्रण को कुछ घंटों के लिए छोड़ दिया जाता है ताकि किण्वन हो सके। कुछ ही घंटों में यह शराब पीने के लिए तैयार हो जाती है। स्थानीय लोग इसके मीठे-खट्टे स्वाद की तारीफ करते हैं और चटकारे लेकर पीते हैं, जबकि बाहरी दुनिया के लोग इसे “दुनिया की सबसे घिनौनी शराब” का खिताब दे चुके हैं।

    विज्ञान के पीछे छिपा है दिलचस्प रहस्य-

    अब सवाल यह उठता है, कि आखिर थूक से शराब कैसे बन जाती है? इसके पीछे का विज्ञान भी उतना ही रोचक है। इंसान के थूक में एमाइलेज नाम का एक खास एंजाइम पाया जाता है। यह एंजाइम स्टार्च को तोड़कर शुगर यानी चीनी में बदल देता है। जब कैसावा को चबाया जाता है, तो थूक में मौजूद यह एंजाइम काम करना शुरू कर देता है और कैसावा के स्टार्च को चीनी में बदल देता है।

    फिर जब इस मिश्रण को कुछ घंटों के लिए छोड़ दिया जाता है, तो प्राकृतिक खमीर और बैक्टीरिया इस चीनी को अल्कोहल में बदल देते हैं। यह एक प्राकृतिक किण्वन प्रक्रिया है। जिसमें थूक का एंजाइम बहुत अहम भूमिका निभाता है। दरअसल, थूक यहां एक कुदरती किण्वन माध्यम की तरह काम करता है। आधुनिक शराबखानों में जो काम व्यावसायिक एंजाइम और खमीर करते हैं, वही काम यहां थूक और प्राकृतिक बैक्टीरिया मिलकर करते हैं।

    पांच हजार साल पुरानी है यह परंपरा-

    चिचा डे युवा की कहानी सिर्फ कुछ सदियों पुरानी नहीं है। इतिहासकारों और मानव विज्ञानियों के अनुसार, इस पेय का इतिहास लगभग 5000 ईसा पूर्व से जुड़ा हुआ है। यानी यह परंपरा करीब सात हजार साल से भी ज्यादा पुरानी है। यह ड्रिंक खासतौर पर इंका सभ्यता के दौर में बेहद लोकप्रिय था। इंका साम्राज्य जो कभी दक्षिण अमेरिका के विशाल हिस्से पर राज करता था, वहां चिचा को एक पवित्र पेय माना जाता था।

    आज भी पेरू, इक्वाडोर, कोलंबिया और ब्राजील की कई आदिवासी जनजातियां इसे अपनी परंपरा के तौर पर बनाती और पीती हैं। इस ड्रिंक का इस्तेमाल सिर्फ रोजमर्रा में नहीं होता, बल्कि यह त्योहारों, मेहमानों के स्वागत और धार्मिक समारोहों का एक अहम हिस्सा है। जब कोई खास मेहमान आता है, तो उसे चिचा डे युवा पेश करना सम्मान और आदर का प्रतीक माना जाता है। यह उनकी सांस्कृतिक पहचान का एक अभिन्न अंग है।

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    सोशल मीडिया पर मचा हड़कंप-

    हाल ही में “How They Made Chicha De Yuca Drink” नाम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। इस वीडियो को अब तक लाखों लोग देख चुके हैं और हजारों लोगों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। कई यूजर्स ने इसे देखकर “दुनिया की सबसे घिनौनी शराब” का नाम दिया और कहा, कि वे इसे कभी नहीं पीना चाहेंगे। कुछ लोगों ने तो यह भी लिखा कि “इतनी घिनौनी चीज कैसे पी सकते हैं लोग?”

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