Fake Paneer Noida
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    Fake Paneer Noida: पनीर भारतीय रसोई का एक अहम हिस्सा है, जो प्रोटीन का एक बेहतरीन स्रोत माना जाता है। नाश्ते से लेकर रात के खाने तक और खासतौर पर त्योहारों के मौसम में पनीर की मांग बहुत बढ़ जाती है। लेकिन यही मांग कई बेईमान कारोबारियों को मिलावट करने का मौका दे देती है। हाल ही में नोएडा खाद्य सुरक्षा विभाग ने त्योहारी सीजन से पहले एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 550 किलो मिलावटी पनीर को जब्त कर नष्ट कर दिया। इस घटना ने एक बार फिर खाद्य सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण यानी FSSAI ने आधिकारिक तौर पर सोशल मीडिया पर पनीर को देश में सबसे अधिक मिलावट वाले खाद्य पदार्थ के रूप में चिह्नित किया है और उपभोक्ताओं से सतर्क रहने की अपील की है।

    FSSAI की चौंकाने वाली रिपोर्ट-

    FSSAI ने अपनी एक्स पोस्ट में बताया, कि पनीर के नमूने जांच के लिए प्रयोगशालाओं में भेजे गए हैं और रिपोर्ट का इंतजार है। लेकिन जो आंकड़े सामने आए हैं, वे बेहद चिंताजनक हैं। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण द्वारा हाल ही में किए गए राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण में पनीर में व्यापक मिलावट का खुलासा हुआ है। FSSAI के आंकड़ों के अनुसार, भारत में बिकने वाले नमूनों में से 83 प्रतिशत पनीर सुरक्षा और गुणवत्ता मानकों को पूरा नहीं करते हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है, कि लगभग 40 प्रतिशत पनीर को पूरी तरह से खतरनाक माना गया। क्योंकि इनमें पाम ऑयल, डिटर्जेंट, यूरिया और सिंथेटिक रसायनों की मिलावट पाई गई।

    यह आंकड़े वाकई डरावने हैं, क्योंकि हम रोजाना जो पनीर खा रहे हैं, उसमें से ज्यादातर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। डिटर्जेंट और यूरिया जैसे रसायन पनीर को सफेद और भारी बनाने के लिए मिलाए जाते हैं, जो शरीर के लिए बेहद नुकसानदायक हैं। पाम ऑयल की मिलावट से पनीर की मात्रा बढ़ाई जाती है ताकि ज्यादा मुनाफा कमाया जा सके। इन सब चीजों का लगातार सेवन करने से किडनी की समस्याएं, पाचन तंत्र में गड़बड़ी और अन्य गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इससे बाजार में बिकने वाले पनीर की गुणवत्ता को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं और लोग अब समान रूप से स्वस्थ विकल्पों की तलाश में हैं।

    क्यों बढ़ रही है पनीर में मिलावट-

    त्योहारों के मौसम में पनीर की मांग कई गुना बढ़ जाती है। दिवाली, होली या किसी भी बड़े उत्सव पर लोग घर में तरह-तरह के व्यंजन बनाते हैं, जिनमें पनीर का इस्तेमाल होता है। पनीर टिक्का, पनीर बटर मसाला, शाही पनीर जैसी डिशेज की डिमांड बढ़ जाती है। इस बढ़ी हुई मांग को देखते हुए कई बेईमान विक्रेता और निर्माता जल्दी पैसा कमाने के लालच में पनीर में मिलावट करते हैं। असली दूध से बना पनीर महंगा पड़ता है और उसमें मुनाफा कम होता है, इसलिए सस्ते विकल्पों और रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है।

    इसके अलावा, भारत में खाद्य सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन न होना भी एक बड़ा कारण है। हालांकि FSSAI जैसी संस्थाएं काम कर रही हैं, लेकिन छोटे शहरों और गांवों में निगरानी की कमी है। कई दुकानदार और छोटे निर्माता बिना किसी लाइसेंस के पनीर बनाकर बेचते हैं। उपभोक्ताओं को भी जागरूकता की कमी है और वे सिर्फ कीमत देखकर पनीर खरीद लेते हैं, गुणवत्ता की परवाह नहीं करते। यह सब मिलकर मिलावट को बढ़ावा देता है।

    पनीर के पांच स्वस्थ और सुरक्षित विकल्प-

    चिंता की इस स्थिति में सवाल उठता है, कि क्या हमें पनीर खाना बंद कर देना चाहिए? जरूरी नहीं। आप भरोसेमंद ब्रांड से प्रमाणित पनीर खरीद सकते हैं या फिर कुछ स्वस्थ विकल्पों को आजमा सकते हैं, जो न केवल पौष्टिक हैं बल्कि मिलावट के खतरे से भी मुक्त हैं। यहां हम आपको पांच ऐसे विकल्प बता रहे हैं, जो आप घर पर आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं।

    टोफू सोया पनीर

    टोफू को सोया पनीर के नाम से भी जाना जाता है और यह प्रोटीन का एक बेहतरीन स्रोत है। यह मांसपेशियों के निर्माण के लिए बहुत अच्छा है, खासकर शाकाहारियों और वीगन लोगों के लिए। पनीर की तुलना में टोफू में संतृप्त वसा कम होती है और यह आयरन तथा कैल्शियम से भरपूर होता है, जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। टोफू का स्वाद हल्का होता है, इसलिए यह किसी भी मसाले या ग्रेवी के साथ अच्छी तरह घुल-मिल जाता है। आप इसे पनीर की तरह ही करी, टिक्का या भुर्जी बना सकते हैं।

    मशरूम उमामी

    किंग ऑयस्टर और बटन मशरूम जैसी किस्में उमामी स्वाद से भरपूर होती हैं और कैलोरी तथा वसा में बहुत कम होती हैं। मशरूम में सेलेनियम जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं। मशरूम को आप ग्रिल करके, करी में डालकर या सलाद में इस्तेमाल कर सकते हैं। यह न केवल स्वास्थ्यवर्धक है बल्कि स्वाद में भी लाजवाब है। वजन कम करने वालों के लिए यह एक आदर्श विकल्प है।

    बादाम पनीर

    जैसा कि नाम से पता चलता है, यह बादाम के दूध से बनाया जाता है और इसमें दिल के लिए स्वस्थ वसा होती है। यह मोनोअनसैचुरेटेड फैट का अच्छा स्रोत है और लैक्टोज इनटॉलरेंट या वीगन आहार लेने वालों के लिए बेहतरीन है। इसमें विटामिन ई की प्रचुर मात्रा होती है, जो त्वचा और बालों के स्वास्थ्य में मदद करती है। बादाम पनीर में प्राकृतिक मिठास होती है और यह पारंपरिक पनीर से हल्का होता है, जिससे पाचन में आसानी होती है।

    चने का टोफू

    इसे बर्मीज टोफू के नाम से भी जाना जाता है और यह पौधे-आधारित प्रोटीन, मैग्नीशियम और फोलेट से भरपूर होता है। डेयरी उत्पादों की तुलना में इसे पचाना बहुत आसान होता है। चने के आटे से बनने वाला यह टोफू ग्लूटेन फ्री भी होता है। इसमें फाइबर की अच्छी मात्रा होती है जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखती है। आप इसे घर पर भी आसानी से बना सकते हैं।

    टेम्पेह

    यह एक किण्वित सोया उत्पाद है जो प्रोबायोटिक्स के साथ आंत के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। यह प्रोटीन और फाइबर में उच्च होता है और आपको लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है। इसमें विटामिन बी12 जैसे विटामिन भी होते हैं और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जो रक्त शर्करा को प्रबंधित करने में मदद करता है। टेम्पेह का स्वाद थोड़ा नट जैसा होता है और इसकी बनावट सख्त होती है, जो इसे ग्रिलिंग के लिए परफेक्ट बनाती है।

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    सतर्कता ही बचाव है-

    पनीर में मिलावट की समस्या गंभीर है, लेकिन सही जानकारी और सतर्कता से हम अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं। हमेशा भरोसेमंद ब्रांड का पनीर खरीदें, FSSAI का लाइसेंस चेक करें और अगर पनीर की गुणवत्ता संदिग्ध लगे तो उसे न खरीदें। साथ ही, ऊपर बताए गए विकल्प भी आजमाएं जो न केवल सुरक्षित हैं बल्कि अलग-अलग पोषक तत्वों से भरपूर भी हैं। त्योहार का मतलब सिर्फ स्वाद नहीं, सेहत भी होनी चाहिए। इस त्योहारी सीजन में स्वस्थ विकल्पों को अपनाएं और अपने परिवार की सेहत का ख्याल रखें।

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