Digital India
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    Digital India: सुबह उठते ही सबसे पहले क्या खोलते हैं आप? व्हाट्सऐप। कहीं जाना हो तो गूगल मैप्स। दफ्तर के काम के लिए वर्ड, एक्सेल या जीमेल और खरीदारी के लिए अमेज़न। यानी हमारी रोजमर्रा की जिंदगी पूरी तरह से विदेशी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर निर्भर है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब दिशा बदलने की अपील की है। उन्होंने कहा है, कि भारत को तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए और आम लोगों को स्वदेशी डिजिटल प्लेटफॉर्म को अपनाना चाहिए।

    प्रधानमंत्री मोदी का तर्क बिल्कुल साफ है, कि भारतीय इनोवेशन को सपोर्ट करने से देश का डिजिटल इकोसिस्टम मजबूत होगा। यह बयान ऐसे समय में आया है, जब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर भारी टैरिफ लगाया है और एच1-बी वीजा की फीस बढ़ाकर एक लाख डॉलर कर दी है। इसका साफ मतलब यह है, कि तकनीक के मामले में अब आत्मनिर्भरता ही सबसे महत्वपूर्ण संसाधन है।

    व्हाट्सऐप का भारतीय जवाब-

    जोहो कॉर्पोरेशन द्वारा विकसित एक चैटिंग ऐप है अरत्तई। इसमें एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन, ग्रुप चैट्स और मल्टीमीडिया शेयरिंग की सुविधा है। यह लोकल सर्वर और डेटा सिक्योरिटी पर जोर देता है। बस सवाल यह है, कि क्या यह कभी व्हाट्सऐप जितना लोकप्रिय हो पाएगा। अरत्तई की खासियत यह है, कि यह पूरी तरह से भारतीय नियमों के अनुसार बनाया गया है और यहां आपका डेटा भारत में ही स्टोर होता है।

    इस ऐप की सबसे बड़ी ताकत यह है, कि यह भारतीय भाषाओं को बेहतर सपोर्ट करता है। हिंदी, तमिल, तेलुगु, बंगाली समेत कई भाषाओं में आप आसानी से मैसेज कर सकते हैं। साथ ही इसकी प्राइवेसी पॉलिसी भी व्हाट्सऐप से कहीं बेहतर है।

    गूगल मैप्स का भारतीय साझीदार-

    मैप माई इंडिया द्वारा बनाया गया, मैप्लस भारतीय भूगोल के लिए सटीक नेविगेशन और स्थानीय जानकारी प्रदान करता है। इसमें रियल-टाइम ट्रैफिक अपडेट्स, विस्तृत मैप्स और पूर्ण लोकेशन सर्विसेज हैं। गांव की पगडंडी से लेकर शहर की व्यस्त सड़कों तक, सब कुछ कवर है।

    मैप्लस की सबसे बड़ी खासियत यह है, कि यह भारतीय सड़कों, गलियों और छोटे से छोटे पते की जानकारी रखता है। जहां कभी-कभी गूगल मैप्स फेल हो जाता है, वहां मैप्लस परफेक्ट काम करता है। खासकर छोटे शहरों और गांवों में इसकी सटीकता गूगल से कहीं बेहतर है।

    माइक्रोसॉफ्ट वर्ड का देशी रूप-

    जोहो राइटर एक क्लाउड-बेस्ड वर्ड प्रोसेसिंग टूल है, जो एडवांस फॉर्मेटिंग, कोलैबोरेटिव एडिटिंग और दूसरे जोहो ऐप्स से कनेक्टिविटी प्रदान करता है। यह ऑफिस, प्रोफेशनल और बिजनेस यूजर्स के लिए बिल्कुल परफेक्ट है। इसमें वे सभी फीचर्स हैं, जो माइक्रोसॉफ्ट वर्ड में मिलते हैं, लेकिन यह पूरी तरह से भारतीय है।

    जोहो राइटर की सबसे बड़ी खासियत यह है, कि यह टीमवर्क को बढ़ावा देता है। कई लोग एक साथ मिलकर किसी डॉक्युमेंट पर काम कर सकते हैं और रियल-टाइम में बदलाव देख सकते हैं। साथ ही इसकी क्लाउड स्टोरेज भी बेहद सुरक्षित है।

    एक्सेल का विकल्प-

    जोहो शीट भारतीय यूजर्स के लिए डिज़ाइन किया गया स्प्रेडशीट सॉफ्टवेयर है। इसमें डेटा एनालिसिस, चार्टिंग टूल्स और रियल-टाइम कोलैबोरेशन जैसी सुविधाएं हैं। एक्सेल जैसी ही पावर, अब स्वदेशी रूप में। इसमें कॉम्प्लेक्स कैलकुलेशन से लेकर डेटा विज़ुअलाइज़ेशन तक सब कुछ संभव है।

    बिजनेस के लिए जोहो शीट एक गेम चेंजर साबित हो रहा है। खासकर छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए यह एक्सेल से कहीं ज्यादा किफायती और उपयोगी है। इसके टेम्प्लेट्स भी भारतीय बिजनेस की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं।

    पावरपॉइंट का स्थानापन्न-

    एक स्वदेशी प्रेजेंटेशन बनाने का टूल है जोहो शो। इसमें स्लाइड्स, टेम्प्लेट्स और टीमवर्क की सुविधाएं शामिल हैं। खासकर आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में कैबिनेट ब्रीफिंग के दौरान पावरपॉइंट को छोड़कर जोहो शो का इस्तेमाल किया था। यह इस बात का सबूत है कि सरकारी स्तर पर भी स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा दिया जा रहा है।

    जोहो शो की खासियत यह है कि इसमें बेहतरीन एनिमेशन इफेक्ट्स और ट्रांजिशन हैं। साथ ही इसके टेम्प्लेट्स बहुत ही आकर्षक और प्रोफेशनल हैं। बिजनेस प्रेजेंटेशन हो या एकेडमिक, हर तरह की जरूरत के लिए परफेक्ट है।

    जीमेल का भारतीय मेल-

    जोहो मेल अपने साफ इंटरफेस, ईमेल मैनेजमेंट टूल्स और डेटा प्राइवेसी के लिए जाना जाता है। यह पर्सनल और प्रोफेशनल दोनों यूजर्स के लिए उपयुक्त है और जीमेल का एक मजबूत विकल्प बनने को तैयार है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां आपको कोई विज्ञापन नहीं दिखते और आपकी प्राइवेसी की पूरी सुरक्षा होती है।

    जोहो मेल में स्पैम फिल्टर बेहद एडवांस है और यह भारतीय भाषाओं में भी ईमेल को सपोर्ट करता है। बिजनेस के लिए इसके अलग-अलग प्लान भी हैं जो बेहद किफायती हैं।

    भारतीय ई-कॉमर्स का बादशाह-

    फ्लिपकार्ट लंबे समय से ई-कॉमर्स के क्षेत्र में अमेज़न का भारतीय विकल्प रहा है। इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर फैशन तक, फ्लिपकार्ट भारतीय उपभोक्ताओं को एक सहज और भरोसेमंद खरीदारी का अनुभव प्रदान करता है और स्थानीय विक्रेताओं को सहारा देता है।

    फ्लिपकार्ट की सबसे बड़ी ताकत यह है कि यह भारतीय ग्राहकों की जरूरतों को बेहतर समझता है। त्योहारी सीजन में इसकी सेल्स, कैश ऑन डिलीवरी की सुविधा और भारतीय भाषाओं में कस्टमर सपोर्ट इसे अमेज़न से अलग बनाते हैं।

    डिजिटल इंडिया की नई दिशा-

    भारत के पास हर बड़े विदेशी प्लेटफॉर्म का स्वदेशी विकल्प मौजूद है। चाहे चैटिंग हो, नेविगेशन हो, डॉक्यूमेंटेशन हो या ई-कॉमर्स। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश बिल्कुल स्पष्ट है कि स्वदेशी तकनीक को अपनाएं, डिजिटल इंडिया को मजबूत बनाएं।

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    अब असली सवाल जनता के सामने है। क्या आप अगले महीने व्हाट्सऐप को छोड़कर अरत्तै डाउनलोड करेंगे। या फिर आदतें बदलना अभी भी मुश्किल होगा। लेकिन एक बात तो तय है कि भारत में तकनीकी क्रांति का समय आ गया है और हमारे पास अब विकल्प मौजूद हैं।

    यह केवल ऐप्स बदलने की बात नहीं है, बल्कि भारत को डिजिटल महाशक्ति बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जब हम स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल करते हैं तो न सिर्फ भारतीय कंपनियों को बढ़ावा मिलता है, बल्कि हमारा डेटा भी सुरक्षित रहता है और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होते हैं।

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