UPI Updates August: अगस्त का पहला दिन जैसे ही आएगा, वैसे ही आपके रोज़मर्रा के डिजिटल ट्रांजैक्शन्स का तरीका थोड़ा बदल सकता है। चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि ये बदलाव आपके स्मार्टफोन या टू-टैप पेमेंट ऐप्स को जरा सा बेहतर बनाने के लिए हैं। यानी, अब आपको कोई नई ऐप इंस्टॉल करने या सेटिंग्स बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह बदलाव पर्दे के पीछे हो रहा है, ताकि आपका भुगतान का अनुभव और भी तेज, आसान और सुरक्षित हो सके।
पहले से ही आएंगे ऑटो-पेमेंट रिक्वेस्ट-
अगर आप नेटफ्लिक्स सब्सक्रिप्शन, SIP, या घर का किराया जैसी रेगुलर पेमेंट्स ऑटो-डेबिट से करते हैं, तो अब आपको इन रिक्वेस्ट्स पहले ही मिलेंगे। NPCI यानी National Payments Corporation of India ने फैसला किया है, कि अब ये ऑटो-डेबिट रिक्वेस्ट्स यानी “मैंडेट कलेक्ट” नोटिफिकेशन आधी रात से सुबह 7 बजे के बीच भेजे जाएंगे। यह कदम इसलिए ताकि सुबह की भीड़ में सिस्टम पर दबाव न बने। यानी, आप सुबह उठते ही इन पेमेंट्स की नोटिफिकेशन देख पाएंगे और कोई भी पेमेंट लेट नहीं होगा।
बैलेंस चेक पर लगेगा लिमिट-
आपने देखा होगा, कि कभी-कभी आप अपने बैंक का बैलेंस चेक करते हैं तो यह आसान सा काम भी सिस्टम पर थोड़ा बोझ डालता है। खासकर जब आप फिंगरप्रिंट या फेस आईडी से वेरिफिकेशन करते हैं, तो यह प्रक्रिया बैकेंड पर अतिरिक्त संसाधनों का इस्तेमाल कर सकती है। इसलिए NPCI ने तय किया है, कि अब हर दिन बैलेंस चेक की संख्या पर एक सीमा (soft cap) लगाई जाएगी। अभी इस संख्या का खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है, कि इससे ज्यादा बार बैलेंस चेक करने पर आपको थोड़ा कम करने का मैसेज मिलेगा।
फेल्ड ट्रांजैक्शन्स पर अब जल्दी होगी सही जानकारी-
कभी-कभी UPI पेमेंट फेल हो जाता है और आप सोचते रह जाते हैं, कि पैसा गया या नहीं। कई बार पेमेंट प्रोसेसिंग में देर हो जाती है और आपको कई मिनट इंतजार करना पड़ता है। अब NPCI चाहता है, कि ऐप्स ट्रांजैक्शन की स्थिति को तुरंत ही अपडेट करें। अगस्त से, जैसे ही पेमेंट फेल होता है, ऐप्स तुरंत इसकी जानकारी देंगे, ताकि आपको इंतजार न करना पड़े। इससे न सिर्फ आपका टाइम बचेगा, बल्कि आप बिना किसी झंझट के अगली बार ट्राई कर सकते हैं।
नए बैंक अकाउंट लिंकिंग में थोड़ी सख्ती-
अगर आप नया बैंक अकाउंट अपने UPI ऐप से जोड़ रहे हैं, तो अब उस प्रक्रिया में कुछ सेकंड का और वक्त लग सकता है। NPCI ने कहा है, कि बैंक वेरिफिकेशन को और सख्त बनाया जाएगा, ताकि गलत या फर्जी अकाउंट लिंकिंग से बचा जा सके। इससे आपका पैसा और जानकारी सुरक्षित रहेगी।
ये भी पढ़ें- WhatsApp DP Scam: व्हाट्सऐप प्रोफाइल के ज़रिए की 1.94 करोड़ की ठगी, जानिए पूरा मामला
तो, ये बदलाव आपके लिए क्या मायने रखते हैं?
अगर आप हफ्ते में एक-दो बार ही UPI का इस्तेमाल करते हैं, तो ये बदलाव शायद ही महसूस हों। लेकिन यदि आप रोज़ाना कई बार पेमेंट करते हैं, तो आप फर्क महसूस करेंगे। सबसे खास बात यह है, कि इन बदलावों के लिए आपको खुद कुछ भी करने की जरूरत नहीं है। यह सब सिस्टम के बेहतर होने का संकेत है। यह वो बदलाव हैं, जो आप महसूस नहीं कर पाएंगे, लेकिन अनुभव करेंगे जरूर।
ये भी पढ़ें- OpenAI के CEO ने दी चेतावनी, ChatGPT से अपनी हर बात शेयर करना पड़ सकता है भारी