Viral Video
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    Viral Video: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक ऐसी घटना हुई है, जिसने पुलिस की छवि को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। यहां एक पुलिस अधिकारी ने एक व्यक्ति को अपनी मर्सीडीज गाड़ी के बोनेट पर लटकाकर लगभग 200 मीटर तक सड़क पर घसीटा। यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई और वीडियो सामाजिक माध्यमों पर फैल जाने के बाद व्यापक निंदा का सामना कर रहा है। घटना की गंभीरता को देखते हुए संबंधित अधिकारी को तुरंत क्षेत्रीय ड्यूटी से हटा दिया गया है।

    समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, यह चौंकाने वाली घटना गुरुवार को विश्वविद्यालय पुलिस थाना क्षेत्र के सिटी सेंटर में एक होटल के बाहर घटित हुई। ग्वालियर जोन के पुलिस महानिरीक्षक अरविंद सक्सेना ने बताया, कि इस घटना में शामिल पुलिस उप-निरीक्षक प्रशांत शर्मा को शुक्रवार को पंक्ति में लगा दिया गया है, यानी उन्हें सक्रिय क्षेत्रीय ड्यूटी से हटा दिया गया है। यह कार्रवाई घटना की गंभीरता और जनता के दबाव को देखते हुए की गई है।

    गाड़ी का शीशा तोड़ने से शुरू हुआ विवाद-

    प्रत्यक्षदर्शियों और पुलिस सूत्रों के अनुसार, उप-निरीक्षक शर्मा गलत पार्किंग में खड़े वाहनों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए मौके पर पहुंचे थे। वहां उनका एक होटल मालिक शुभम भदौरिया से विवाद हो गया। इस झगड़े के दौरान शर्मा ने भदौरिया के मित्र अंकित की गाड़ी का शीशा तोड़ दिया। यह सब एक साधारण पार्किंग उल्लंघन की जांच से शुरू हुआ था, लेकिन यह बात इतनी बढ़ गई कि एक इंसान की जान खतरे में पड़ गई।

    शर्मा जब अपनी मर्सीडीज गाड़ी में बैठकर वहां से जाने की कोशिश कर रहे थे, तभी अंकित उनकी गाड़ी के बोनेट पर लटक गया। इस स्थिति में कोई भी समझदार व्यक्ति गाड़ी रोक देता, लेकिन शर्मा ने इसके बजाय गैस दबाया और लगभग 200 मीटर तक अंकित को बोनेट पर लटकाकर घसीटते रहे। अंत में अंकित सड़क पर गिर गया। यह डरावना फुटेज दिखाता है, कि कैसे अंकित अपनी जान बचाने के लिए गाड़ी के बोनेट से चिपका हुआ था, जबकि आसपास खड़े लोग घबराहट में चिल्ला रहे थे।

    अपना बचाव करने की कोशिश-

    घटना के बाद शर्मा ने इसे कम करके दिखाने की कोशिश की और सामाजिक माध्यमों पर एक वीडियो डाला। इस वीडियो में उन्होंने दावा किया, कि वह विशिष्ट व्यक्ति की सुरक्षा ड्यूटी पर थे और सड़क साफ करने की कोशिश कर रहे थे, जब भदौरिया और उसके साथियों ने उनका रास्ता रोका। उन्होंने यह भी कहा, कि मर्सीडीज गाड़ी उनके पिता की है। लेकिन सीसीटीवी फुटेज के सामने ये सभी बहाने बेकार लगते हैं।

    यह तरीका दिखाता है, कि शर्मा अपनी गलती मानने के बजाय स्थिति को सही ठहराने की कोशिश कर रहे थे। विशिष्ट व्यक्ति की ड्यूटी का हवाला देकर वह शायद यह दिखाना चाहते थे, कि उनकी कार्रवाई सरकारी काम का हिस्सा थी। लेकिन किसी भी काम के दौरान एक इंसान की जान को खतरे में डालना बिल्कुल गलत है। यह व्यवहार किसी भी पुलिस अधिकारी के लिए स्वीकार्य नहीं है और इससे पूरी पुलिस बल की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होते हैं।

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    नशे के आरोप से किया इनकार-

    कुछ लोगों ने आरोप लगाया था, कि घटना के समय शर्मा शराब के नशे में थे, लेकिन बड़े पुलिस अधिकारियों ने इस आरोप को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। हालांकि यह सवाल अभी भी बना रहता है, कि अगर वह सामान्य हालत में थे, तो फिर ऐसी खतरनाक और लापरवाह गाड़ी चलाई क्यों। महानिरीक्षक सक्सेना ने स्पष्ट किया, कि शर्मा के विरुद्ध जांच का आदेश दिया गया है और एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर का अधिकारी इस घटना की जांच कर रहा है।

    सक्सेना ने कहा, “इस घटना की जांच के लिए एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दर्जे का अधिकारी तैनात किया गया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।” यह बयान दिखाता है, कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले रहा है और उचित जांच के बाद ही अंतिम कार्रवाई करेगा।

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