Subhanshu Shukla: आज का दिन भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था, जब हमारे बहादुर गगनयात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष से सफल वापसी की। कैलिफोर्निया के सैन डिएगो के पास समुद्र में दोपहर 3 बजे के तुरंत बाद स्पेसएक्स का क्रू कैप्सूल ग्रेस सुरक्षित रूप से उतरा, जिसमें ग्रुप कैप्टन शुक्ला और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री सवार थे। करीब 50 मिनट बाद, उन्हें यान से बाहर निकाला गया और इस पल को देखकर पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई।
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Welcome home, Group Captain Shubhanshu Shukla!
As part of the Axiom 4 mission, he returned to Earth after completing seven cutting-edge microgravity experiments aboard the International Space Station.
His achievement is another proud step for India on the path towards its… pic.twitter.com/5OrJW3yEvL
— BJP Goa (@BJP4Goa) July 15, 2025
Subhanshu Shukla भारत का अंतरिक्ष में दूसरा कदम-
ग्रुप कैप्टन शुक्ला, जो भारतीय वायु सेना के एक प्रतिभाशाली पायलट हैं, 1984 में विंग कमांडर राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं। लेकिन वह पहले भारतीय हैं, जिन्होंने 150 अरब डॉलर के अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन का दौरा किया है। यह अंतरिक्ष प्रयोगशाला मानव जाति के लिए एक वैज्ञानिक चमत्कार है और हमारे ग्रुप कैप्टन ने वहां भारत का झंडा लहराया है।
Welcome home, Group Captain Shubhanshu Shukla!
As part of the Axiom 4 mission, he returned to Earth after completing seven cutting-edge microgravity experiments aboard the International Space Station.
His achievement is another proud step for India on the path towards its… pic.twitter.com/5OrJW3yEvL
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यह उपलब्धि इसलिए भी खास है, क्योंकि इसके पीछे 40 साल का लंबा इंतज़ार था। विंग कमांडर राकेश शर्मा ने सोवियत अंतरिक्ष स्टेशन सैल्यूट-7 पर केवल सात दिन बिताए थे, लेकिन ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने पूरे तीन सप्ताह अंतरिक्ष में गुजारे हैं, जो कि एक शानदार कारनामा है।
प्रधानमंत्री मोदी का भावनात्मक संदेश-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रुप कैप्टन शुक्ला की वापसी पर एक संदेश दिया है। उन्होंने कहा, कि शुक्ला ने “एक अरब सपनों को प्रेरित” किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी एक्स पोस्ट में लिखा, “मैं पूरे राष्ट्र के साथ ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्वागत करता हूं, जब वह अपने ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन से पृथ्वी पर वापस आ रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर जाने वाले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री के रूप में, उन्होंने अपने समर्पण, साहस और अग्रणी भावना के माध्यम से एक अरब सपनों को प्रेरित किया है। यह हमारे अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान की दिशा में एक और मील का पत्थर है।”
70 मिलियन डॉलर का निवेश और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग-
यह मिशन एक्सिओम स्पेस, नासा और इसरो के बीच सहयोग का परिणाम था, जिसमें भारत ने लगभग 70 मिलियन डॉलर का निवेश किया है। एक्सिओम स्पेस ने बताया, कि करीब 433 घंटे, 18 दिन और पृथ्वी की 288 परिक्रमाएं पूरी करने के बाद, जिसमें लगभग 1.22 करोड़ किलोमीटर की दूरी तय की गई, एक्सिओम मिशन 4 का दल अब आधिकारिक रूप से घर की ओर जा रहा है।
क्रू कैप्सूल को घर की यात्रा में करीब 22.5 घंटे लगे। ग्रुप कैप्टन शुक्ला के साथ अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री कमांडर पेगी व्हिटसन, पोलैंड के मिशन विशेषज्ञ स्लावोस्ज़ उज़नान्स्की-विस्निएव्स्की और हंगरी के तिबोर कापू भी थे। यह असल में एक अंतर्राष्ट्रीय टीम की कोशिश थी।
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भारत की बढ़ती अंतरिक्ष क्षमताएं-
इस मिशन के दौरान ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने सात भारत-विशिष्ट सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण प्रयोग किए, जो भारत की बढ़ती अंतरिक्ष विज्ञान और तकनीकी क्षमताओं को दर्शाते हैं। ये प्रयोग भविष्य के ग्रहीय मिशनों और लंबी अवधि के अंतरिक्ष निवास के लिए महत्वपूर्ण डेटा उत्पन्न करने के लिए तैयार किए गए थे।
एक्सिओम स्पेस के अनुसार, एक्स-4 न केवल एक वैज्ञानिक सफलता थी। बल्कि भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर भी था। चार दशकों के बाद पहली बार इन राष्ट्रों ने अपने राष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा और पहली बार उनके अंतरिक्ष यात्रियों ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर रहकर काम किया।
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