Pressure Cooker Poison: मुंबई के एक 50 साल के व्यक्ति का केस चिकित्सा समुदाय में तब चर्चा का विषय बना, जब उसकी याददाश्त में कमी, थकान और पैरों में तेज़ दर्द की वजह सामने आई। डॉ. विशाल गाबले, जो एक आंतरिक चिकित्सा विशेषज्ञ हैं, ने इंस्टाग्राम पर इस चौंकाने वाले केस को साझा किया है जो हर घर के लिए एक चेतावनी घंटी है।
मरीज़ को अस्पताल में भर्ती करने के बाद जब सभी सामान्य जांच सही आईं, तो डॉक्टर्स परेशानी में थे। लेकिन जब भारी धातु की जांच की गई तो पता चला कि मरीज़ के खून में सीसे का स्तर 22 माइक्रोग्राम प्रति डेसीलीटर था, जो कि खतरनाक स्तर माना जाता है। इस खोज के बाद दीर्घकालिक सीसा विषाक्तता का निदान पुष्ट हुआ।
Pressure Cooker Poison 20 साल पुराना प्रेशर कुकर बना जहरीला हथियार-
जांच में जो बात सामने आई वो हर भारतीय घर के लिए चिंता की बात है। मरीज़ की पत्नी पिछले 20 साल से वही प्रेशर कुकर इस्तेमाल कर रही थी। डॉ. गाबले ने समझाया कि जब पुराने और खराब एल्यूमिनियम कुकर में खट्टे खाने बनाए जाते हैं, तो सीसा और एल्यूमिनियम के कण घुलकर खाने में मिल जाते हैं। ये जहरीले कण न्यूरल कैल्शियम चैनल को रोक देते हैं, जिससे दिमाग के संकेत धीमे हो जाते हैं।
यह केस इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारतीय घरों में प्रेशर कुकर का उपयोग बहुत आम है, और अक्सर एक ही कुकर को सालों तक इस्तेमाल करते रहते हैं। डॉ. गाबले के अनुसार, मरीज़ को चेलेशन थेरेपी दी गई जिसके बाद वो ठीक हो गया।
Pressure Cooker Poison क्या है सीसा विषाक्तता और इसके लक्षण-
सीसा विषाक्तता तब होती है जब शरीर में सीसे का स्तर बढ़ जाता है। यह खासकर खाने-पीने के जरिए होता है, लेकिन सांस लेने या छूने से भी हो सकता है। इस जहरीली धातु से दिमाग, नसों, खून और पाचन तंत्र सभी प्रभावित होते हैं।
शुरुआत में सीसा विषाक्तता के कोई लक्षण नहीं दिखते, लेकिन धीरे-धीरे पेट में दर्द, बेचैनी, सिरदर्द, उल्टी, थकान, खून की कमी, पैरों में सुन्नपन और यादाश्त की समस्या हो सकती है। पुरुषों में यौन इच्छा में कमी और बांझपन की समस्या भी हो सकती है।
इलाज और बचाव के तरीके-
डॉक्टर्स बताते हैं कि सीसा विषाक्तता के कुछ प्रभाव जैसे बांझपन और किडनी की समस्याएं पूरी तरह ठीक नहीं हो सकतीं। लेकिन खून में सीसे का स्तर कम किया जा सकता है और आगे के नुकसान से बचा जा सकता है।
अगर खून में सीसे का स्तर बहुत ज्यादा है, तो डॉक्टर चेलेटिंग एजेंट नामक दवाई देते हैं जो सीसे को खून से बांधकर शरीर से बाहर निकालने में मदद करती है। कुछ मामलों में पेट और आंत की सफाई भी करनी पड़ सकती है।
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सावधानी ही बचाव-
यह केस हमें सिखाता है कि घर के पुराने बर्तन, खासकर एल्यूमिनियम के प्रेशर कुकर, का नियमित जांच करना जरूरी है। अगर कुकर पुराना हो गया है, खरोंच आ गई है या रंग उड़ गया है, तो उसे बदल देना चाहिए। खासकर जब आप खट्टे खाने जैसे टमाटर, इमली या नींबू वाले व्यंजन बनाते हैं।
अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए हमेशा अच्छी गुणवत्ता के बर्तन का उपयोग करें और समय-समय पर उन्हें बदलते रहें। अगर आपको भी इसी तरह के लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
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