Vishwakarma Scheme: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार 17 सितंबर को कौशल में शामिल कलाकारों, शिल्पकारों और अन्य लोगों की सहायता के लिए पीएम Vishwakarma Scheme नाम से एक नई पहल की शुरुआत करने वाले हैं। 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 73 साल के हो जाएंगे। जानकारी के मुताबिक मोदी ने पारंपरिक शिल्प में शामिल व्यक्तियों को न सिर्फ आर्थिक रूप से मदद करने को प्राथमिकता दी है, बल्कि स्थानीय वस्तुओं शिल्प कला के माध्यम से सदियों पुरानी परंपरा, अनूठी विरासत और संस्कृति को जीवित रखने को प्राथमिकता दी है।
13000 करोड़ रुपए का निवेश-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर वादा किया था कि वह 13000 करोड़ रुपए के निवेश के साथ केंद्र सरकार द्वारा पूरी तरह से समर्थित होगा। इस योजना के तहत बायोमेट्रिक आधारित पीएम विश्वकर्मा साइट का इस्तेमाल करके संभावित लाभार्थियों को सेवा केंद्रों के माध्यम से मुफ्त में नामांकित किया जाएगा। इस योजना के तहत लाभार्थियों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड के माध्यम से मान्यता दी जाएगी।
बुनियादी और उन्नत परीक्षण-
बुनियादी और उन्नत परीक्षण से जुड़े कौशल,15000 का टूल किट, प्रोत्साहन लाख रुपए तक की मुक्त क्रेडिट सहायता और 5% रियायती ब्याज दर पर 2 लाख डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन सहायता दी जाएगी। जानकारी के मुताबिक, इस योजना का उद्देश्य गुरु शिष्य परंपरा या प्राचीन कौशल की परिवार आधारित प्रथा को विकसित कर बनाए रखना है। इस योजना का प्राथमिक लक्ष्य कार्यक्रम और सरकारों की वस्तुओं और सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच में सुधार लाना है।
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शिल्पकारों को मिलेगी मदद-
इसके साथ ही उन्हें स्थानीय और वैश्विक मूल्य संख्याओं में एकीकरण को सुनिश्चित करना, इस पहल से पूरे भारत में ग्रामीण और शहरी दोनों शहरों के शिल्पकारों को मदद मिलने वाली है। जिसमें बढ़ई, नाव बनाने वाले, लोहार, कवच बनाने वाले, टूल किट, हथोड़ा, ताला बनाने वाले, मूर्तिकार, मोची, पत्थर तोड़ने वाले, राजमिस्त्री, झाड़ू बनाने वाले, गुड़िया और खिलौने बनाने वाले, नाई, माला बनाने वाले, धोबी, दर्जी और मछली पालन करने वाले शामिल होंगे।
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