Balochistan Train Hijacking: बलूचिस्तान में तनाव चरम पर पहुंच गया है जहां बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को अपहरण कर 182 लोगों को बंधक बना लिया है। विद्रोही संगठन के अनुसार अब तक इस घटना में 11 पाकिस्तानी सैन्य कर्मियों की मौत हो चुकी है। यह घटना पाकिस्तान के सबसे अशांत प्रांतों में से एक बलूचिस्तान में लंबे समय से चल रहे संघर्ष को और भड़का सकती है।
BLA ने अपने ताजा बयान में कहा, "हमने पाकिस्तानी सरकार को कैदियों की अदला-बदली के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था। लेकिन कब्जाकारी राज्य की जिद्द, उदासीनता और लगातार टालमटोल की रणनीति यह साबित करती है कि पाकिस्तान अपने ही सैन्य कर्मियों की जिंदगी बचाने को लेकर गंभीर नहीं है। इसके बजाय, वह परंपरागत पाखंड और अवहेलना का प्रदर्शन कर रहा है।"
Balochistan Train Hijacking हमलावरों की मांग और सरकार का रुख-
सूत्रों के अनुसार, BLA ने पाकिस्तान सरकार से अपने कई वरिष्ठ कमांडरों और कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग की है जो वर्तमान में पाकिस्तानी हिरासत में हैं। हालांकि, इस्लामाबाद ने अब तक विद्रोहियों की इन मांगों पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी है। "पाकिस्तान की चुप्पी चिंताजनक है। हमारे प्रियजन वहां फंसे हैं और सरकार सिर्फ वक्त बर्बाद कर रही है," एक यात्री के परिवार के सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर बताया। उन्होंने आगे कहा, "हम बस चाहते हैं कि हमारे लोग सुरक्षित घर लौट आएं, चाहे इसके लिए सरकार को कुछ भी करना पड़े।"
#BLA statement on Jaffar Express
BLA Gives 24-Hour Deadline for Prisoner Exchange
200+ Pakistani military, intelligence, police & paramilitary personnel held. BLA accuses captives of involvement in enforced disappearances & state terrorism in #Balochistan.#TrainHijack #Pakistan pic.twitter.com/ej52IVCLHQ— Chandan Jha (@chandan_jha_11) March 12, 2025
Balochistan Train Hijacking बलूचिस्तान संघर्ष का लंबा इतिहास-
बलूचिस्तान में विद्रोह की जड़ें गहरी हैं। यह पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है जो प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है, लेकिन विकास और आर्थिक अवसरों की कमी से जूझ रहा है। बलूच राष्ट्रवादी समूह लंबे समय से केंद्र सरकार पर क्षेत्र के संसाधनों का शोषण करने और स्थानीय आबादी को लाभ नहीं पहुंचाने का आरोप लगाते रहे हैं। BLA और अन्य बलूच विद्रोही समूह पिछले कई दशकों से पाकिस्तानी सेना और सरकारी प्रतिष्ठानों पर हमले कर रहे हैं। उनका मुख्य उद्देश्य बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग एक स्वतंत्र राज्य बनाना है।
BLA Issues 48-hour Ultimatum, Threatens Executions After Military Strikes; Civilian Hostages Released#BalochLiberationArmy #Pakistan #PakistanArmy #PakistanTrainHijack #TrainHijack #TRAIN pic.twitter.com/YkzGOAuR40
— Urban Secrets 🤫 (@stiwari1510) March 12, 2025
Balochistan Train Hijacking अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं-
इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंताएं बढ़ा दी हैं। संयुक्त राष्ट्र ने सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई का आह्वान किया है। भारत सहित कई पड़ोसी देशों ने भी स्थिति पर नजर रखी हुई है। एक वरिष्ठ अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक ने कहा, "यह घटना पाकिस्तान के लिए एक बड़ा सुरक्षा संकट है। अगर इसे जल्द और शांतिपूर्ण तरीके से नहीं सुलझाया गया, तो यह पूरे क्षेत्र में अस्थिरता पैदा कर सकता है।"
बचाव अभियान की चुनौतियां-
पाकिस्तानी सेना और सुरक्षा बलों के लिए इस स्थिति से निपटना अत्यंत चुनौतीपूर्ण है। बलूचिस्तान का भौगोलिक क्षेत्र पहाड़ी और दुर्गम है, जो बचाव अभियान को और जटिल बना देता है। "इलाका बेहद मुश्किल है। हमलावरों के पास स्थानीय इलाके की अच्छी जानकारी है और वे छिपने के लिए पहाड़ी गुफाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं," एक सेवानिवृत्त पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी ने बताया। उन्होंने आगे कहा, "सबसे बड़ी चिंता बंधकों की सुरक्षा है। किसी भी सैन्य कार्रवाई में उनके जीवन को खतरा हो सकता है।"
पाकिस्तान के सामने बड़ी परीक्षा-
विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना पाकिस्तान सरकार के लिए एक बड़ी परीक्षा है। अगर वह जल्द और प्रभावी तरीके से स्थिति को नहीं संभालती है, तो इससे देश में और अधिक अशांति फैल सकती है। "पाकिस्तान सरकार एक टाइट-रोप वॉक पर है। अगर वह विद्रोहियों की मांगों के आगे झुकती है, तो इससे अन्य आतंकवादी समूहों को प्रोत्साहन मिल सकता है। लेकिन अगर वह सैन्य बल का इस्तेमाल करती है, तो बंधकों की जान खतरे में पड़ सकती है," एक स्थानीय राजनीतिक विश्लेषक ने कहा।
नागरिकों की चिंताएं बढ़ीं-
इस घटना ने बलूचिस्तान के आम नागरिकों की चिंताओं को भी बढ़ा दिया है। क्षेत्र में पहले से ही सुरक्षा की स्थिति नाजुक है, और इस तरह के हमले लोगों के रोजमर्रा के जीवन को और अधिक कठिन बना देते हैं। "हम हर दिन डर के साये में जीते हैं। ऐसे हालात में कोई भी सफर करना सुरक्षित नहीं लगता," क्वेटा के एक निवासी अहमद ने बताया। उन्होंने आगे कहा, "हम चाहते हैं कि सरकार इस समस्या का स्थायी समाधान निकाले, ताकि हम शांति से अपना जीवन जी सकें।"
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आगे क्या होगा?
जैसे-जैसे समय बीत रहा है, बंधकों के परिवारों की चिंता बढ़ती जा रही है। पाकिस्तान सरकार ने अभी तक किसी बड़े बचाव अभियान की घोषणा नहीं की है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, कूटनीतिक और सैन्य दोनों विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। इस बीच, BLA ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे और कड़े कदम उठा सकते हैं। यह स्थिति पाकिस्तान के लिए एक गंभीर सुरक्षा चुनौती बनी हुई है, जिसका समाधान आने वाले दिनों में होगा या नहीं, यह देखना बाकी है।
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