Viral Video: सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कथित तौर पर मेरठ के एक सरकारी स्कूल में एक शिक्षिका क्लासरूम के अंदर कुर्सी पर सोती हुई नजर आ रही है। इस फुटेज ने नेटिजन्स के बीच आक्रोश की लहर पैदा कर दी है।
Viral Video ने मचाई सनसनी-
यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर कई यूजर्स द्वारा व्यापक रूप से शेयर किया गया है। क्लिप में, एक महिला सहायक शिक्षिका को कथित तौर पर स्कूल के चालू समय के दौरान क्लासरूम में कुर्सी पर बैठकर सोते हुए देखा जा सकता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह वीडियो किसी छात्र द्वारा फिल्माया गया था। वीडियो के वायरल होने के बाद से ऑनलाइन व्यापक आलोचना हो रही है।
उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है।
अध्यापिका महोदय
मस्त सो रही हैं
किसी ने वीडियो वॉयरल कर दी अब घर पर मस्त सोएंगी 😂🤣 pic.twitter.com/fhi60qLFWG— Surendra Yadav (@Surendr0032083) April 9, 2025
वीडियो में साफ़ दिखाई दे रहा है कि जब शिक्षिका गहरी नींद में थीं, तब क्लास के बच्चे अपने आप में व्यस्त थे और कोई भी पढ़ाई नहीं हो रही थी। कुछ बच्चे आपस में बात करते दिख रहे थे, जबकि कुछ अन्य अपनी कॉपी-किताबों में खेल रहे थे। इस दौरान किसी एक छात्र ने मोबाइल से चुपके से यह वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया-
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) आशा चौधरी ने मीडिया को बताया, कि इस मामले को गंभीरता से लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच शुरू की जाएगी और आश्वासन दिया कि जांच पूरी होने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। "हमने वीडियो देखा है और इस मामले को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं। शिक्षकों का प्राथमिक कर्तव्य छात्रों को शिक्षित करना है, और यदि कोई अपने कर्तव्यों में लापरवाही बरत रहा है, तो उचित कार्रवाई की जाएगी," चौधरी ने आगे कहा।
Viral Video शिक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल-
इस घटना ने एक बार फिर सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता और शिक्षकों की जवाबदेही पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, कि यह सिर्फ एक अकेली घटना नहीं है, बल्कि कई सरकारी स्कूलों में ऐसी स्थिति देखने को मिलती है।
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एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा, "यह हमारे शिक्षा तंत्र की दुर्दशा का जीता-जागता उदाहरण है। ऐसे शिक्षकों के कारण ही हमारे बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है।" वहीं, कुछ लोगों ने इस बात पर भी ध्यान दिलाया ,कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों पर दबाव और काम का बोझ भी अधिक होता है, जिससे ऐसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं। हालांकि, अधिकांश लोगों का मानना था कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि परिस्थितियां कैसी हैं, शिक्षकों को अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए।
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