Sold Kidney for iPhone: कभी-कभी एक गलत फैसला पूरी जिंदगी बदल देता है। चीन के अनहुई प्रांत में रहने वाले वांग शांगकुन की कहानी इसी बात का दर्दनाक उदाहरण है। आज से 14 साल पहले, जब वांग सिर्फ 17 साल का था, तब उसने अपनी एक किडनी बेचने का फैसला किया था। वजह थी, एक आईफोन 4 खरीदने की इच्छा। आज 2025 में भी वह उस एक पल की गलती की कीमत चुका रहा है और शायद जिंदगी भर चुकाता रहेगा।
गरीबी और सामाजिक दबाव के बीच फंसा एक किशोर-
अंग्रेजी वेबसाइसट इंडिया डॉट कॉम के मुताबिक, यह 2011 की बात है, जब आईफोन 4 पूरी दुनिया में एक स्टेटस सिंबल माना जाता था। खासकर चीन में, जहां तकनीक और ब्रांडेड चीजों का क्रेज तेजी से बढ़ रहा था, वहां आईफोन रखना अमीरी और शान की निशानी थी। वांग एक गरीब परिवार से आता था, लेकिन उसके दिल में भी आईफोन रखने की ख्वाहिश थी। उसके दोस्तों के पास महंगे गैजेट्स थे और वह भी उनकी तरह बनना चाहता था। लेकिन उसके परिवार की माली हालत इतनी अच्छी नहीं थी, कि वह इतना महंगा फोन खरीद सके।
एक दिन जब वांग इंटरनेट पर देख रहा था, तो उसे कुछ ऐसे पोस्ट मिले, जिन्होंने उसकी जिंदगी की दिशा ही बदल दी। उन पोस्ट में गैरकानूनी तरीके से किडनी बेचने की बात लिखी थी। उसे पढ़कर वांग के मन में एक खतरनाक विचार आया। उसने सोचा, कि इंसान के पास दो किडनी होती हैं, तो एक बेचने से क्या फर्क पड़ेगा। बस यही सोचकर, उसने एक ऐसे गिरोह से संपर्क किया, जो गैरकानूनी तरीके से अंग बेचने का धंधा करता था।
20,000 युआन में बेच दी अपनी किडनी-
वांग ने उन लोगों से सौदा कर लिया और एक गैरकानूनी ऑपरेशन के लिए राजी हो गया। उसे इस काम के बदले 20,000 युआन यानी करीब 12,000 रिंगित या उस समय की मुद्रा के हिसाब से लगभग 9,400 रिंगित दिए गए। ऑपरेशन के बाद जब उसके हाथ में पैसे आए, तो उसने तुरंत अपने सपनों का आईफोन 4 और साथ में एक आईपैड 2 भी खरीद लिया। उस पल वांग को लगा, कि उसने एक स्मार्ट निर्णय लिया है, लेकिन यह खुशी बहुत कम समय के लिए थी।
ऑपरेशन के कुछ ही दिनों बाद वांग की तबीयत बिगड़ने लगी। उसे तेज बुखार आया और शरीर में संक्रमण हो गया। धीरे-धीरे उसकी दूसरी किडनी भी कमजोर होने लगी। जब वांग की मां ने उसके पास अचानक महंगे गैजेट्स देखे, तो उसने सवाल किए। पहले तो वांग ने झूठ बोलने की कोशिश की, लेकिन जब हालत बिगड़ती गई, तो उसे सच बताना पड़ा। यह सुनकर उसकी मां को बहुत गहरा सदमा लगा।
जिंदगी भर के लिए विकलांग हो गया युवक-
वांग की सेहत इतनी खराब हो गई, कि डॉक्टरों ने उसे स्थायी रूप से विकलांग घोषित कर दिया। एक किशोर जो अभी जिंदगी की शुरुआत में ही था, वह अचानक एक ऐसी मुसीबत में फंस गया, जिसका कोई इलाज नहीं था। बाद में पुलिस ने उस गैरकानूनी गिरोह को पकड़ा, जो ऐसे ऑपरेशन करवाता था। अदालत ने वांग को 1.48 मिलियन युआन यानी करीब 2.68 लाख सिंगापुर डॉलर का मुआवजा दिया। लेकिन यह रकम उसकी खोई हुई सेहत और सामान्य जिंदगी वापस नहीं ला सकती थी।
आज 14 साल बाद, वांग की किडनी की कार्यक्षमता सिर्फ 25 प्रतिशत रह गई है। इसका मतलब है, कि उसकी बची हुई किडनी भी सही तरीके से काम नहीं कर रही। अब उसे अपनी पूरी जिंदगी डायलिसिस पर निर्भर रहना पड़ेगा। डायलिसिस एक ऐसी चिकित्सा प्रक्रिया है, जिसमें मशीन की मदद से खून को साफ किया जाता है। क्योंकि किडनी यह काम खुद नहीं कर पाती। यह बेहद तकलीफदेह और महंगा इलाज है, जो जिंदगी भर चलता रहता है।
“जिंदगी की सबसे बड़ी गलती”-
आज जब वांग पीछे मुड़कर देखता है, तो उसे सिर्फ पछतावा होता है। उसने कई इंटरव्यू में कहा है, कि आईफोन के लिए अपनी किडनी बेचना उसकी “जिंदगी की सबसे बड़ी गलती” थी। वह चाहता है, कि दुनिया भर के युवा उसकी कहानी से सीखें और कभी भी किसी चीज की चाहत में अपनी सेहत से खिलवाड़ न करें।
वांग की कहानी सिर्फ एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं है, बल्कि यह उस सामाजिक दबाव को भी उजागर करती है, जो आज के युवाओं पर है। ब्रांडेड चीजों और नए गैजेट्स के लिए होने वाली अंधी दौड़ में लोग कभी-कभी ऐसे खतरनाक रास्ते अपना लेते हैं, जिनके परिणाम बहुत भयानक होते हैं। यह एक चेतावनी है, कि भौतिकवाद की अति किसी की भी जिंदगी बर्बाद कर सकती है।
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समाज के लिए एक सबक-
वांग की कहानी हमें यह भी बताती है, कि गैरकानूनी तरीके से अंगों की खरीद-फरोख्त एक कितनी बड़ी समस्या है। दुनिया भर में गरीब और बेबस लोगों को निशाना बनाकर ऐसे गिरोह अंग बेचने का धंधा करते हैं। जरूरी है, कि सरकारें और अधिकारी इस पर सख्त कार्रवाई करें और युवाओं को ऐसे खतरों के बारे में जागरूक करें।
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