Sawan Somvar Vrat 2025: हिंदू कैलेंडर का सबसे पवित्र महीना सावन आने वाला है और भगवान शिव के भक्तों के लिए यह खुशी का समय है। इस साल सावन 11 जुलाई 2025 से शुरू होकर 9 अगस्त 2025 तक चलेगा। इस पूरे महीने में हर सोमवार का विशेष महत्व है, खासकर उन महिलाओं और कुंवारी लड़कियों के लिए जो अच्छे जीवनसाथी की तलाश में हैं।
सावन सोमवार का व्रत सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं है, बल्कि यह भोले बाबा से जुड़ने का एक पवित्र तरीका है। इस व्रत को करने से खुशहाल वैवाहिक जीवन, अच्छी सेहत और मानसिक शांति मिलती है। आज हम आपको सावन सोमवार व्रत की पूरी विधि बताएंगे जिससे आप भी भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर सकें।
Sawan Somvar Vrat 2025 व्रत से एक रात पहले की तैयारी-
सावन सोमवार व्रत की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि आप कितनी तैयारी के साथ इसे शुरू करते हैं। रविवार की रात को अपने घर और पूजा स्थान की अच्छी तरह सफाई करें। यह केवल साफ-सफाई नहीं है, बल्कि आपके मन और आत्मा को भी पवित्र बनाने का तरीका है।
पूजा की सभी आवश्यक वस्तुएं जैसे फूल, बेलपत्र, दूध और दीया पहले से ही तैयार रख लें। इससे अगली सुबह आपका पूजा का अनुभव शांतिपूर्ण और मधुर होगा। जब सभी चीजें पहले से तैयार होती हैं, तो आप केवल भगवान शिव की भक्ति पर ध्यान दे सकते हैं। एक साफ और व्यवस्थित स्थान भोले बाबा के प्रति आपके सम्मान और भक्ति को दर्शाता है।
सुबह की दिनचर्या और तैयारी-
सावन सोमवार व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठना सबसे अच्छा होता है। इस समय वातावरण में एक विशेष शांति होती है जो आपके मन को भगवान शिव के नाम में लगाने में मदद करती है। उठने के बाद स्नान करें ताकि आपका शरीर और मन दोनों पवित्र हो जाएं।
व्रत के दिन हल्के रंग के कपड़े पहनें, खासकर सफेद या पीले रंग के। ये रंग पवित्रता और आध्यात्मिकता के प्रतीक हैं। सफेद रंग भगवान शिव को विशेष पसंद है क्योंकि यह शुद्धता का प्रतीक है। इस तरह की तैयारी से आप शांत और सकारात्मक मानसिकता के साथ व्रत की शुरुआत कर सकते हैं।
व्रत की शुरुआत-
भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग के सामने शांति से बैठकर संकल्प लें। यह संकल्प आपकी भक्ति और समर्पण का प्रतीक है। मन में यह दृढ़ संकल्प लें कि आप पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ यह व्रत करेंगे।
अपनी मनोकामनाएं और इच्छाएं भोले बाबा के सामने रखें। चाहे आप अच्छे जीवनसाथी की तलाश में हों, खुशहाल वैवाहिक जीवन चाहते हों या फिर मानसिक शांति की कामना कर रहे हों, सब कुछ सच्चे दिल से मांगें। यह संकल्प आपकी आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत का प्रतीक है और इसे पूरी ईमानदारी और विश्वास के साथ लेना जरूरी है।
भोले बाबा को प्रसन्न करने का तरीका-
अभिषेक की रस्म सावन सोमवार व्रत का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसमें भगवान शिव को पंचामृत चढ़ाया जाता है। सबसे पहले शुद्ध पानी से शिवलिंग को धोएं, फिर दूध, दही, शहद, घी और चीनी से अभिषेक करें।
अभिषेक के दौरान “ॐ नमः शिवाय” या महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करें। यह मंत्र भगवान शिव को बहुत प्रिय है और इसके जाप से आपका मन शांत होता है। अभिषेक करते समय यह महसूस करें कि आप भगवान शिव की दिव्य ऊर्जा से जुड़ रहे हैं। यह रस्म न केवल आपके मन और शरीर को पवित्र करती है, बल्कि आपको भोले बाबा के करीब भी लाती है।
बेलपत्र और अन्य चीजों का चढ़ावा-
भगवान शिव को बेलपत्र, सफेद फूल, फल और अगरबत्ती चढ़ाएं। आप धतूरा, भांग या चंदन का लेप भी चढ़ा सकते हैं। दीया और अगरबत्ती जलाकर कुछ समय प्रार्थना और ध्यान में बिताएं। ये सभी चीजें भगवान शिव के प्रति आपकी कृतज्ञता और भक्ति को दर्शाती हैं। बेलपत्र चढ़ाने का विशेष महत्व है क्योंकि माना जाता है कि इससे भोले बाबा बहुत प्रसन्न होते हैं और आपकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। यह रस्म व्रत का जरूरी हिस्सा है और इसे पूरी श्रद्धा के साथ करना चाहिए।
व्रत कथा सुनना-
सावन सोमवार व्रत कथा सुनें या पढ़ें। यह कथा एक भक्त की कहानी है जिसने अपनी भक्ति से भगवान शिव को प्रसन्न किया था। इस कथा को सुनने से आप व्रत के महत्व को समझ सकते हैं और भगवान शिव से भावनात्मक रूप से जुड़ सकते हैं।
यह कथा आपको याद दिलाती है कि भक्ति और विश्वास कितना महत्वपूर्ण है। जब आप इस कथा को सुनते हैं, तो आपका मन भगवान शिव के प्रति और भी गहरी श्रद्धा से भर जाता है। यह आपकी आध्यात्मिक यात्रा को और भी मजबूत बनाता है।
व्रत के विकल्प-
सावन सोमवार व्रत में तीन विकल्प हैं। निर्जला व्रत में न तो खाना खाते हैं और न ही पानी पीते हैं। फलाहार व्रत में केवल फल और दूध लेते हैं। एकसमय व्रत में शाम को एक बार खाना खाते हैं। अपनी सेहत और क्षमता के अनुसार व्रत का विकल्प चुनें। भगवान शिव आपकी भक्ति और ईमानदारी को व्रत की कड़ाई से ज्यादा महत्व देते हैं। व्रत के दौरान नमक का सेवन न करें। सबसे जरूरी बात यह है कि जो भी व्रत आप रखें, उसे पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ करें।
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शाम की पूजा और व्रत खोलना-
शाम को एक छोटी पूजा करें, दीया जलाएं और महादेव को फूल या बेलपत्र चढ़ाएं। शिव आरती का पाठ करें और अपने व्रत के अनुसार व्रत खोलें। शाम की पूजा दिन भर की भक्ति को पूरा करने के लिए बहुत जरूरी है। इस समय भगवान शिव को धन्यवाद दें कि उन्होंने आपको यह व्रत पूरा करने की शक्ति दी। व्रत खोलते समय भी मन में भोले बाबा का स्मरण करें और उनसे प्रार्थना करें कि वे आपकी मनोकामनाएं पूरी करें।
व्रत को जारी रखना-
कई भक्त पूरे सावन महीने के हर सोमवार को यह व्रत करते हैं। अगर आप भी इस व्रत से जुड़ाव महसूस करते हैं और आपके पास समय है, तो आप भी इसे जारी रख सकते हैं। इससे आपको भक्ति के माध्यम से शांति और खुशी का अनुभव मिलेगा। व्रत को जारी रखकर आप पूरे सावन महीने में भगवान शिव का आशीर्वाद और मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं। यह न केवल आपकी मनोकामनाएं पूरी करता है, बल्कि आपको आध्यात्मिक रूप से भी मजबूत बनाता है।
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