Diwali 2025: दिवाली 2025 की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं और हर घर में सफाई, सजावट और खुशियों के स्वागत की धूम मची हुई है। हम सब अपने घरों को चमकाते हैं, रंगोली सजाते हैं और दीयों की रोशनी से हर कोने को जगमगाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है, कि सिर्फ बाहरी सफाई ही काफी नहीं होती? हमारे घर की ऊर्जा को भी ताजा करना उतना ही जरूरी है। साल भर में हमारे घर में तरह-तरह की तरंगें इकट्ठा हो जाती हैं, कुछ अच्छी तो कुछ नकारात्मक। दिवाली का पर्व इस रुकी हुई ऊर्जा को साफ करने और नई शुरुआत करने का सबसे शुभ समय है।
ज्योतिषी के मुताबिक, धनतेरस यानी 18 अक्टूबर 2025 से पहले अगर हम अपने घर की ऊर्जा की सफाई कर लें, तो सकारात्मकता, समृद्धि और शांति अपने आप हमारे जीवन में आने लगती है। आइए जानते हैं, वो आसान और असरदार तरीके जिनसे आप अपने घर को ऊर्जावान बना सकते हैं।
पुराने सामान को छोड़ें-
दिवाली की तैयारी की पहली और सबसे महत्वपूर्ण सीढ़ी है, फालतू चीजों को हटाना। अपने घर से पुराने कैलेंडर, टूटे-फूटे सामान, बेकार इलेक्ट्रॉनिक्स, कागजों के ढेर और वो सब चीजें निकाल दें जो अब आपके किसी काम की नहीं हैं। ये सब चीजें सिर्फ जगह ही नहीं घेरतीं, बल्कि रुकी हुई ऊर्जा को भी अपने साथ रखती हैं। जब ये पुरानी चीजें घर में पड़ी रहती हैं, तो नए अवसर और खुशियां आपके जीवन में आने से रुक जाती हैं।
जब आप सारा फालतू सामान हटा दें, तो अपने घर की सभी खिड़कियां खोल दीजिए। धूप और ताजी हवा को अंदर आने दीजिए। यह सबसे कुदरती और आसान तरीका है अपने घर को शुद्ध करने का। सूरज की रोशनी नकारात्मकता को दूर करती है और ताजी हवा नई ऊर्जा लेकर आती है। यह साधारण काम आपके घर में स्पष्टता, गर्माहट और समृद्धि का माहौल बनाता है।
खुशबू से बदलें घर का माहौल-
क्या आपने गौर किया है, कि कैसे एक अच्छी खुशबू तुरंत हमारे मन को बदल देती है? सुगंध में वाकई जादू होता है और यह घर की ऊर्जा को झटपट बदल सकती है। ज्योतिषी सुझाव देते हैं, कि आप पचौली, लोबान और बर्गामोट के आवश्यक तेलों की कुछ बूंदें पानी में मिलाकर अपने घर में हल्के हाथों से छिड़काव करें।
हर तेल की अपनी खासियत है। पचौली आपको जमीन से जुड़े रहने में मदद करती है। लोबान शुद्धिकरण के लिए जानी जाती है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है। बर्गामोट का काम है, मन को हल्का और खुश रखना। इन तीनों तेलों का मिश्रण एक ऐसा वातावरण बनाता है, जो आध्यात्मिक भी है और उत्सवी भी। यह शांति और खुशी का बेहतरीन संतुलन बनाता है, जो दिवाली के लिए बिल्कुल सही है।
ध्वनि की शक्ति से करें ऊर्जा का रूपांतरण-
आपने सुना होगा, कि मंदिरों में घंटी की आवाज या मंत्रों का जाप क्यों किया जाता है? क्योंकि ध्वनि तरंगों में अद्भुत शक्ति होती है। खास आवृत्तियां आपके घर की तरंग को मिनटों में बदल सकती हैं। दिवाली से पहले लगभग ग्यारह मिनट के लिए कुछ विशेष आवृत्तियों को सुनें। तीन सौ छियानवे हर्ट्ज की आवृत्ति नकारात्मकता को हटाती है, पांच सौ अट्ठाईस हर्ट्ज भावनात्मक रुकावटों को ठीक करती है और छह सौ उनतालीस हर्ट्ज रिश्तों में सामंजस्य लाती है।
अगर ये आवृत्तियां आपको तकनीकी लगें, तो आप बांसुरी का मधुर संगीत भी बजा सकते हैं। या फिर दीया जलाते समय ओम या गायत्री मंत्र का जाप करें। ध्वनि और प्रकाश का यह मेल बेहद ताकतवर होता है। यह आपके घर में गर्माहट, सकारात्मकता और दैवीय ऊर्जा को आमंत्रित करता है। जब आप मंत्र बोलते हैं और दीये जलाते हैं, तो पूरा घर एक अच्छी तरंग से भर जाता है।
धनतेरस पर शंख और घंटी का करें प्रयोग-
धनतेरस यानी अठारह अक्टूबर दो हजार पच्चीस को एक खास विधि करें। अपने पूरे घर में घूमते हुए शंख बजाएं और हर कमरे में घंटी की आवाज गूंजने दें। शंख की गहरी ध्वनि भारी और नकारात्मक ऊर्जा को बाहर निकाल देती है। वहीं घंटी सकारात्मक ऊर्जा को जगाती और बढ़ाती है।
इस विधि को सही तरीके से करने के लिए उत्तर-पूर्व कोने यानी ईशान कोण से शुरुआत करें और दाहिनी ओर घूमते हुए पूरे घर में जाएं। यह पक्का करता है, कि आपके घर का हर हिस्सा पवित्रता और शुभ ऊर्जा से भर जाए। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और इसका वैज्ञानिक कारण भी है। शंख और घंटी की तरंगें वातावरण को शुद्ध करती हैं।
मुख्य द्वार पर लगाएं रुद्राक्ष और स्फटिक-
आपके घर का मुख्य दरवाजा वो रास्ता है, जहां से सारी ऊर्जा अंदर आती है। इसलिए इसे सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है। तीन रुद्राक्ष के मोती और एक स्फटिक का मोती लें। इन्हें लाल या पीले धागे में साथ बांधें और अपने मुख्य दरवाजे के ऊपर या बगल में साफ-सुथरे तरीके से लटका दें।
रुद्राक्ष ऊर्जा के बहाव को स्थिर और सुरक्षित रखता है। यह नकारात्मक तरंगों को रोकता है और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। स्फटिक यानी क्रिस्टल शांति और स्पष्टता लाता है। साथ में ये दोनों एक सुरक्षा कवच बनाते हैं जो केवल सकारात्मकता, आशीर्वाद और समृद्धि को ही अंदर आने देती है। यह आसान उपाय बेहद असरदार है और इसे कोई भी सरलता से कर सकता है।
नई शुरुआत के लिए तैयार रहें-
एक साफ और जीवंत घर सिर्फ देखने में ही अच्छा नहीं लगता, बल्कि वह शांति बिखेरता है। जब आपका घर ऊर्जा की दृष्टि से स्वच्छ होता है, तो आप खुद भी ज्यादा सहज, प्रसन्न और केंद्रित महसूस करते हैं। दिवाली सिर्फ बाहरी दीयों की रोशनी का त्योहार नहीं है, यह हमारे अंदर और हमारे आसपास की नकारात्मकता को दूर करने का भी समय है।
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इस धनतेरस से पहले इन साधारण लेकिन असरदार उपायों को अपनाएं। अपने घर को सिर्फ शारीरिक रूप से ही नहीं, बल्कि ऊर्जा के स्तर पर भी तैयार करें। जब आप जानबूझकर अपने स्थान को शुद्ध करते हैं, तो आप दरअसल नए साल के लिए एक बेहतरीन नींव तैयार कर रहे होते हैं। समृद्धि, स्वास्थ्य और खुशियां खुद-ब-खुद उस जगह में आती हैं जो साफ, सकारात्मक और स्वागत करने वाली होती है।
तो इस दिवाली, सिर्फ दीये ही नहीं जलाएं, अपने घर की ऊर्जा को भी रोशन करें। दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं!
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