GRAP 4
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    GRAP 4: दिल्ली की हवा एक बार फिर जहरीली हो चुकी है और राजधानी के लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया है, कि अब GRAP Stage 4 लागू होने की पूरी संभावना बन गई है। ये कोई सामान्य अलर्ट नहीं है, बल्कि सबसे खतरनाक स्थिति है, जब हवा इतनी जहरीली हो जाती है, कि स्वस्थ लोगों को भी नुकसान पहुंचा सकती है।

    GRAP Stage 4 क्या है और कब लागू होता है?

    Graded Response Action Plan यानी GRAP एक तरह की गाइडबुक है, जो अधिकारियों को बताती है, कि जब हवा की क्वालिटी खराब होती है, तो क्या कदम उठाने चाहिए। इस प्लान को चार स्टेज में बांटा गया है और हर स्टेज पर अलग-अलग नियम लागू होते हैं। फिलहाल दिल्ली-NCR में Stage 3 लागू है, लेकिन जिस तरह से Air Quality Index (AQI) बढ़ रहा है, उसे देखते हुए Stage 4 आना तय लग रहा है।

    जब AQI 450 के पार चला जाता है और हवा “Severe Plus” कैटेगरी में आ जाती है, तब Stage 4 एक्टिवेट हो जाता है। इस स्थिति में हवा में मौजूद जहरीले कण इतने खतरनाक हो जाते हैं, कि वो सीधे फेफड़ों और दिल को नुकसान पहुंचाने लगते हैं। अगर ये स्टेज लागू हुआ, तो दिल्लीवासियों की रोजमर्रा की जिंदगी में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे।

    सड़कों पर लगेगी सख्त पाबंदी-

    GRAP Stage 4 लागू होते ही सबसे ज्यादा असर सड़कों पर दिखेगा। जरूरी सामान ढोने वाले ट्रकों को छोड़कर बाकी सभी ट्रकों की दिल्ली में एंट्री बैन हो जाएगी। सिर्फ CNG, LNG, इलेक्ट्रिक या BS-VI डीजल वाले ट्रक ही शहर में आ सकेंगे। दिल्ली के बाहर से आने वाली कमर्शियल गाड़ियां भी बैन रहेंगी, सिवाय उनके जो इलेक्ट्रिक, CNG या BS-VI डीजल से चलती हैं।

    दिल्ली के अंदर भी BS-IV और उससे पुरानी डीजल गाड़ियों पर रोक लग जाएगी, खासकर मीडियम और हैवी गुड्स व्हीकल्स पर। लेकिन जो गाड़ियां एसेंशियल सर्विस देती हैं, उन्हें छूट मिल सकती है। इतना ही नहीं, सरकार ऑड-ईवन रूल भी वापस ला सकती है। इसका मतलब है, कि एक दिन सिर्फ ऑड नंबर प्लेट वाली गाड़ियां चलेंगी और दूसरे दिन ईवन नंबर वाली। ये फैसला सड़कों पर गाड़ियों की संख्या तुरंत कम करने के लिए लिया जाता है।

    पब्लिक ट्रांसपोर्ट में बढ़ेगी सुविधा-

    चूंकि प्राइवेट गाड़ियों पर इतनी पाबंदियां होंगी, इसलिए सरकार Metro की ट्रिप्स बढ़ाएगी और ज्यादा बसें सड़कों पर उतारेगी। इससे लोगों को ऑफिस या काम पर जाने में दिक्कत न हो और भीड़भाड़ भी कंट्रोल में रहे।

    कंस्ट्रक्शन और इंडस्ट्री पर पूरी तरह रोक-

    GRAP 4 के तहत सभी तरह के कंस्ट्रक्शन और डेमोलिशन वर्क पूरी तरह बंद हो जाएंगे। इसमें सरकारी प्रोजेक्ट्स जैसे फ्लाईओवर, हाईवे और पाइपलाइन भी शामिल हैं। सिर्फ बेहद जरूरी नेशनल प्रोजेक्ट्स जैसे डिफेंस या हेल्थकेयर से जुड़े काम ही जारी रह सकते हैं। दिल्ली-NCR में सभी स्टोन क्रशर भी बंद कर दिए जाएंगे, क्योंकि उनसे भारी मात्रा में धूल निकलती है जो प्रदूषण को और बढ़ाती है।

    स्कूल और ऑफिस-

    बच्चों को जहरीली हवा से बचाने के लिए क्लास 10 और 12 को छोड़कर बाकी सभी क्लासेज ऑनलाइन हो सकती हैं। फिजिकल स्कूल बंद रहेंगे, जब तक कि प्रदूषण का लेवल सुधर नहीं जाता। सरकारी और प्राइवेट ऑफिसों को भी कम से कम 50% कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम देने के निर्देश दिए जा सकते हैं। इससे सड़कों पर गाड़ियों की संख्या कम होगी और प्रदूषण में कमी आएगी।

    लोगों को क्यों झेलनी पड़ती है इतनी दिक्कत?

    बहुत से लोग सोचते हैं कि ये सारे नियम सिर्फ परेशान करने के लिए बनाए जाते हैं, लेकिन असलियत ये है कि ये कदम तुरंत प्रदूषण कम करने के लिए बेहद जरूरी हैं। जब हवा इतनी जहरीली हो जाती है तो ये पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी बन जाती है। अगर फौरन कुछ नहीं किया गया तो लाखों लोग सांस की बीमारियों, दिल के दौरे और दूसरी गंभीर बीमारियों के शिकार हो सकते हैं।

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    अभी क्या है स्थिति?

    Commission for Air Quality Management (CAQM) लगातार हवा की क्वालिटी पर नजर रख रही है। फिलहाल Stage 3 के नियम लागू हैं और अधिकारी उम्मीद कर रहे हैं, कि प्रदूषण कम हो जाए। लेकिन अगर AQI डेंजर जोन में रहा और 450 के पार चला गया तो GRAP Stage 4 तुरंत लागू कर दिया जाएगा। ऐसे में दिल्लीवासियों को अलर्ट रहना होगा और सरकार के निर्देशों का पालन करना होगा।

    प्रदूषण सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हम सबको मिलकर इसे कम करने की कोशिश करनी होगी। गाड़ियों का कम इस्तेमाल करें, पब्लिक ट्रांसपोर्ट यूज करें, और जहां तक हो सके घर से ही काम करें। तभी हम अपनी और अपने परिवार की सेहत को बचा सकते हैं।

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