Cyclone Senyar
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    Cyclone Senyar: बंगाल की खाड़ी में एक बार फिर चक्रवाती तूफान के संकेत मिल रहे हैं। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी की है, कि मलक्का जलडमरूमध्य और दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र इस सप्ताह एक शक्तिशाली चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। अगर यह सिस्टम मजबूत होता है, तो इसे ‘सेन्यार’ नाम दिया जाएगा, जिसका मतलब है, ‘शेर’। यह नाम संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने सुझाया है। तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों और मछुआरों के लिए यह खबर चिंता का विषय बन गई है।

    बंगाल की खाड़ी का खतरनाक इतिहास-

    बंगाल की खाड़ी अपने भयानक चक्रवातों के लिए जानी जाती है, खासकर सितंबर और अक्टूबर के महीनों में। इसी साल अक्टूबर में आए चक्रवात ने व्यापक तबाही मचाई थी और कई लोगों की जान चली गई थी। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है, कि इस बार भी स्थिति गंभीर हो सकती है। कम दबाव का यह क्षेत्र फिलहाल पश्चिम-उत्तर पश्चिम दिशा में बढ़ रहा है और अगले कुछ दिनों में इसके और मजबूत होने की संभावना है।

    कहां और कब आएगा तूफान?

    अभी तक यह साफ नहीं है, कि यह चक्रवात कहां और कब तट से टकराएगा। विशेषज्ञों का कहना है, कि जब तक यह सिस्टम पूरी तरह से चक्रवाती तूफान में नहीं बदलता, तब तक इसके रास्ते का सटीक अनुमान लगाना मुश्किल है। फिलहाल दो संभावनाएं सामने आ रही हैं। पहली संभावना यह है, कि यह तूफान तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश की तटरेखा की ओर बढ़ सकता है। दूसरी संभावना यह है, कि यह उत्तर की ओर मुड़कर किसी दूसरे क्षेत्र की तरफ जा सकता है। मौसम विभाग ने आश्वासन दिया है, कि अगले 48 घंटों में वे ज्यादा सटीक जानकारी देंगे।

    मौसम विभाग ने जारी किया स्पेशल मैसेज-

    भारतीय मौसम विभाग ने एक विशेष संदेश जारी किया है, जो तब जारी किया जाता है, जब किसी चक्रवात के बनने की प्रबल संभावना हो। IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया, कि जैसे ही यह सिस्टम डिप्रेशन में बदलेगा, विभाग हर छह घंटे में बुलेटिन जारी करेगा और जब यह चक्रवात बन जाएगा तो हर तीन घंटे में अपडेट दिया जाएगा। द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, यह मानक प्रक्रिया है, जो हर बड़े तूफान के दौरान अपनाई जाती है।

    कैसे बनेगा चक्रवात?

    अभी जो कम दबाव का क्षेत्र बना है, वह पूरी तरह से सुगठित हो चुका है और पश्चिम-उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रहा है। मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार, 24 नवंबर के आसपास यह दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक डिप्रेशन में बदल सकता है। डिप्रेशन बनने के 48 घंटों के भीतर ही यह और मजबूत होकर एक पूर्ण विकसित चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है। यह प्रक्रिया काफी तेज है और इसीलिए तटीय इलाकों को सतर्क रहने की जरूरत है।

    मछुआरों और द्वीपवासियों के लिए चेतावनी-

    अधिकारियों ने पहले ही मछुआरों को समुद्र में जाने से मना कर दिया है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लोगों को भारी बारिश और तेज हवाओं को लेकर सावधान किया गया है। मौसम विभाग ने बताया है कि 22 नवंबर से 27 नवंबर तक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में कुछ जगहों पर बहुत भारी बारिश हो सकती है। साथ ही, 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। जैसे-जैसे यह सिस्टम डिप्रेशन और फिर चक्रवात में बदलेगा, हवा की गति और भी बढ़ जाएगी।

    मुख्य भूमि के लिए अभी स्पष्ट नहीं-

    अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि अभी भारत की मुख्य भूमि पर इसके प्रभाव या बारिश के बारे में सटीक भविष्यवाणी करना बहुत जल्दी होगा। जब यह सिस्टम बंगाल की खाड़ी के ऊपर मजबूत हो जाएगा, तभी इसके असर का सही अनुमान लगाया जा सकेगा। तटीय राज्यों की सरकारें पहले से ही तैयारियां शुरू कर चुकी हैं। आपदा प्रबंधन टीमें अलर्ट पर हैं और राहत सामग्री की व्यवस्था की जा रही है।

    लोगों को क्या करना चाहिए?

    तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को मौसम विभाग की चेतावनियों पर ध्यान देना चाहिए। समुद्र के किनारे रहने वाले परिवारों को सुरक्षित जगहों पर जाने की तैयारी रखनी चाहिए। मछुआरों को समुद्र में जाने से बचना चाहिए क्योंकि लहरें खतरनाक हो सकती हैं। घरों में जरूरी सामान, पानी, भोजन और दवाइयां रखें। आपातकालीन नंबरों की जानकारी अपने पास रखें। सबसे जरूरी बात यह है, कि अफवाहों से बचें और केवल आधिकारिक स्रोतों से जानकारी लें।

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    अगले 48 घंटे बेहद अहम-

    अगले दो दिन बेहद महत्वपूर्ण होने वाले हैं। मौसम विभाग लगातार इस सिस्टम पर नजर रख रहा है और जल्द ही ज्यादा स्पष्ट तस्वीर सामने आएगी। चक्रवात ‘सेन्यार’ का नाम भले ही शेर से लिया गया हो, लेकिन हम सभी को उम्मीद है कि यह कमजोर पड़ जाए और तटीय इलाकों को नुकसान न पहुंचाए। फिलहाल सतर्क रहना और अधिकारियों के निर्देशों का पालन करना ही सबसे बेहतर विकल्प है।

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