Nagpur Violence
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    Nagpur Violence: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को नागपुर में हुई हिंसक झड़पों पर विधानसभा में चर्चा के दौरान कहा कि "छावा फिल्म ने औरंगजेब के प्रति लोगों का आक्रोश जगाया है।" इस हिंसा में कम से कम 30 लोग घायल हुए और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया।

    Nagpur Violence के पीछे "सुनियोजित हमले" का दावा-

    फडणवीस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के "सुनियोजित हमले" के दावे को दोहराते हुए आश्वासन दिया कि झड़पों में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विधानसभा में बोलते हुए उन्होंने कहा, "छावा फिल्म ने औरंगजेब के प्रति लोगों का आक्रोश जगाया है, फिर भी हर किसी को महाराष्ट्र को शांतिपूर्ण रखना चाहिए।" यह बयान विक्की कौशल अभिनीत छत्रपति संभाजी की बायोपिक फिल्म 'छावा' को लेकर दिया गया।

    नागपुर हिंसा पर बोलते हुए उन्होंने आगे कहा, "नागपुर में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने विरोध प्रदर्शन किया। अफवाहें फैलाई गईं कि धार्मिक सामग्री वाली चीजों को जलाया गया... ऐसा लगता है कि यह एक सुनियोजित हमला था। किसी को भी कानून और व्यवस्था को अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं है।"

    Nagpur Violence हंसापुरी इलाके में हिंसक झड़पें-

    सोमवार शाम को नागपुर के हंसापुरी इलाके में हिंसक झड़पें भड़क उठीं। स्थानीय गवाहों के अनुसार, मामला तब बिगड़ा जब दो समुदायों के बीच तनाव शुरू हुआ। प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई, जिससे पथराव और वाहनों में आगजनी हुई। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए त्वरित कार्रवाई की, लेकिन तब तक काफी नुकसान हो चुका था। स्थानीय अस्पतालों से मिली जानकारी के अनुसार, हिंसा में लगभग 30 लोग घायल हुए, जिनमें कुछ पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।

    Nagpur Violence शिंदे ने की हिंसा की निंदा-

    महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नागपुर हिंसा की निंदा करते हुए इसे सांप्रदायिक अशांति फैलाने के उद्देश्य से किया गया सुनियोजित हमला बताया। शिंदे ने कहा, "जो घटना घटी वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। लगभग 2,000 से 3,000 लोग इकट्ठा हुए और मोमिनपुरा, चितनीस नगर और अन्य क्षेत्रों में घरों पर हमला किया। उन्होंने पत्थरबाजी की और हमला किया... क्या इसका मतलब यह है कि यह पूर्व नियोजित था... उन्होंने न केवल आम लोगों पर हमला किया बल्कि पुलिस अधिकारियों पर भी हमला किया। ऐसे लोग सांप्रदायिक हिंसा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जांच पर करीबी नजर रख रहे हैं और इसके पीछे किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।"

    फिल्म और राजनीति का कनेक्शन-

    "छावा" फिल्म, जो मराठा योद्धा छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित है, ने रिलीज के बाद से ही विवादों को जन्म दिया है। फिल्म में मुगल शासक औरंगजेब और मराठा साम्राज्य के बीच संघर्ष को दिखाया गया है। फडणवीस का यह बयान कि फिल्म ने "औरंगजेब के प्रति लोगों का आक्रोश जगाया है" विवादास्पद हो गया है, क्योंकि कुछ विश्लेषकों का मानना है कि इससे सांप्रदायिक तनाव को और भड़काया जा सकता है।

    सुरक्षा बढ़ाई गई-

    नागपुर में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए, अधिकारियों ने शहर के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। पुलिस गश्त जारी है और संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। महाराष्ट्र सरकार ने भी स्पष्ट किया है कि हिंसा में शामिल किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

    विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना-

    विपक्षी दलों ने सरकार पर हिंसा रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि सत्ताधारी दल को इस मामले की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और पीड़ितों को उचित मुआवजा देना चाहिए। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "सरकार सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा दे रही है और फिर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही है। यह अस्वीकार्य है।"

    शांति की अपील-

    महाराष्ट्र के कई नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि हिंसा से कुछ हासिल नहीं होगा और इससे केवल समाज में विभाजन बढ़ेगा। स्थानीय धार्मिक नेताओं ने भी अपने समुदायों से संयम बरतने और प्रशासन को स्थिति संभालने में सहयोग करने का आग्रह किया है।

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    आगे की कार्रवाई-

    मुख्यमंत्री फडणवीस के अनुसार, सरकार इस मामले की गहन जांच करा रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था बनाए रखना सरकार की प्राथमिकता है। पुलिस ने हिंसा से जुड़े कई लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ जारी है। अधिकारियों का कहना है कि वे हिंसा के पीछे के मूल कारणों की जांच कर रहे हैं और जल्द ही सभी दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।

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