NTA New Exam Rules: लाखों छात्रों के भविष्य से जुड़ी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा है, कि 2026-27 शैक्षणिक सत्र से JEE Main, NEET-UG और CUET-UG जैसी परीक्षाओं के लिए एग्जाम सेंटर का आवंटन पूरी तरह से बदल जाएगा। अब छात्रों को अपनी पसंद के शहर चुनने का विकल्प नहीं मिलेगा, बल्कि उन्हें उनके आधार कार्ड में दर्ज पते के आधार पर परीक्षा केंद्र दिया जाएगा। यह निर्णय परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता लाने और नकल जैसी गड़बड़ियों को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है।
क्या था पुराना सिस्टम और क्या होगा नया?
अब तक जब भी कोई छात्र JEE Main, NEET या CUET के लिए आवेदन करता था, तो उसे एप्लीकेशन फॉर्म में तीन से चार पसंदीदा शहर चुनने का मौका मिलता था। इससे छात्रों को यह सुविधा मिलती थी, कि वे अपनी सुविधा के अनुसार परीक्षा केंद्र चुन सकें। लेकिन इस व्यवस्था में कई खामियां थीं। कई बार धोखाधड़ी के मामले सामने आए जहां लोग नकली पहचान का इस्तेमाल कर दूसरों की जगह परीक्षा देते पकड़े गए।
नई व्यवस्था के तहत अब छात्रों को उनके आधार कार्ड में दर्ज स्थायी पते के नजदीक ही परीक्षा केंद्र आवंटित किया जाएगा। इसका मतलब यह है, कि अगर आपके आधार कार्ड में उत्तर प्रदेश के किसी छोटे शहर का पता है, तो आपको वहीं के आसपास एग्जाम सेंटर मिलेगा। अब आप दिल्ली, मुंबई या किसी बड़े शहर को अपने हिसाब से नहीं चुन पाएंगे। यह बदलाव जनवरी 2026 के JEE Main सत्र से लागू होगा और बाद में अन्य सभी परीक्षाओं पर भी लागू किया जाएगा।
पारदर्शिता और निष्पक्षता की ओर कदम-
NTA का कहना है, कि यह फैसला परीक्षा प्रणाली में निष्पक्षता और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए लिया गया है। पहले की व्यवस्था में कई तरह की धोखाधड़ी की संभावनाएं थीं। कुछ लोग किसी और की जगह परीक्षा देने के लिए अलग-अलग शहरों में जाकर नकल करते थे। अब जब परीक्षा केंद्र आधार कार्ड के पते के आधार पर तय होगा, तो यह सुनिश्चित करना आसान हो जाएगा कि परीक्षा में बैठने वाला व्यक्ति वही है जिसका नाम आवेदन में है।
साथ ही, यह व्यवस्था छोटे शहरों और गांवों के छात्रों के लिए भी फायदेमंद साबित होगी। अब उन्हें अपने घर के पास ही परीक्षा केंद्र मिलेगा, जिससे उन्हें लंबी यात्रा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे ग्रामीण और छोटे शहरों के छात्रों के लिए परीक्षा देना आसान हो जाएगा और सभी को एक समान अवसर मिलेगा। यह कदम शिक्षा में समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
छात्रों के लिए बड़ी चुनौती-
हालांकि यह फैसला कई मायनों में अच्छा है, लेकिन इसने छात्रों के बीच चिंता भी पैदा की है। खासकर उन छात्रों के लिए जो अपने घर से दूर पढ़ाई कर रहे हैं। मान लीजिए एक छात्र बिहार का रहने वाला है और उसका आधार कार्ड वहीं का है, लेकिन वह दिल्ली या बेंगलुरु में रहकर कोचिंग कर रहा है। ऐसे में उसे परीक्षा के लिए अपने गृहनगर वापस जाना पड़ेगा, जो काफी असुविधाजनक हो सकता है।
इसी को ध्यान में रखते हुए NTA ने सभी छात्रों से अपील की है, कि वे अपने आधार कार्ड की जानकारी जल्द से जल्द वेरिफाई कर लें और अगर उसमें कोई गलती है, तो उसे सही करवा लें। यह बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि एक बार आवेदन जमा हो जाने के बाद किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया जा सकेगा। अगर आपके आधार कार्ड में पुराना या गलत पता है, तो आपको UIDAI की वेबसाइट पर जाकर या नजदीकी आधार सेंटर में जाकर अपडेट करवाना होगा।
आरक्षण वाले छात्रों के लिए विशेष निर्देश-
SC, ST, OBC, EWS या दिव्यांग (PwD) कैटेगरी के छात्रों के लिए भी खास निर्देश जारी किए गए हैं। इन छात्रों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके कैटेगरी सर्टिफिकेट की जानकारी भी आधार कार्ड और कक्षा 10 की मार्कशीट से पूरी तरह मेल खाए। अगर इनमें कोई भी बेमेल पाई गई तो आरक्षण का दावा खारिज किया जा सकता है या फिर छात्र की उम्मीदवारी ही रद्द हो सकती है।
यह नियम इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि कई बार आरक्षण का गलत फायदा उठाने की कोशिशें की जाती हैं। अब NTA ने यह सुनिश्चित करने का फैसला किया है, कि केवल वही छात्र आरक्षण का लाभ ले सकें जिनके सभी दस्तावेज सही और सत्यापित हों। इससे परीक्षा प्रणाली में और अधिक विश्वसनीयता आएगी।
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छात्रों को क्या करना चाहिए?
इन सभी बदलावों को देखते हुए छात्रों के लिए यह बेहद जरूरी हो गया है, कि वे अभी से तैयारी शुरू कर दें। सबसे पहले अपने आधार कार्ड की पूरी जानकारी चेक करें। नाम, जन्मतिथि, पता और फोटो सभी चीजें सही हैं या नहीं, इसकी पुष्टि करें। अगर कोई गलती है, तो तुरंत नजदीकी आधार केंद्र जाएं और उसे सुधरवाएं। यह प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है, इसलिए जल्दी शुरू करना समझदारी होगी।
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