TMC WhatsApp Controversy
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    TMC WhatsApp Controversy: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) इन दिनों एक नए विवाद में घिर गई है। पार्टी के अंदरूनी व्हाट्सएप ग्रुप में सांसदों के बीच हुई तीखी बहस के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर लीक हो गए हैं। इन स्क्रीनशॉट में कल्याण बनर्जी और कीर्ति आज़ाद के बीच हुए झगड़े के साक्ष्य मिले हैं, जिससे पार्टी की छवि को काफी नुकसान पहुंचा है।

    भाजपा नेता अमित मालवीय ने इन स्क्रीनशॉट को सोशल मीडिया पर शेयर किया, जिसके बाद यह मामला सुर्खियों में आ गया। यह स्क्रीनशॉट पार्टी के अंदरूनी कलह को दर्शाते हैं, जिसमें कल्याण बनर्जी और कीर्ति आज़ाद के बीच अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल किया गया है।

    TMC WhatsApp Controversy सौगत रॉय ने की घटना की पुष्टि-

    टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "पार्टी के व्हाट्सएप चैट का लीक होना दुर्भाग्यपूर्ण है। कल्याण बनर्जी द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। मुझे उम्मीद है कि पार्टी नेतृत्व इस मामले का संज्ञान लेगी।" उन्होंने आगे बताया, "हमारी पार्टी के कई सदस्य ममता बनर्जी से इस बारे में शिकायत करना चाहते थे, लेकिन वे ऐसा कर पाए या नहीं, यह मुझे नहीं पता। कल्याण बनर्जी ने एक महिला सांसद के साथ दुर्व्यवहार किया, जिसके विरोध में उन्होंने आवाज उठाई और फिर सभी सांसद कल्याण बनर्जी के खिलाफ हो गए..."

    TMC WhatsApp Controversy 'थर्ड क्लास कमेंट्स'-

    कल्याण बनर्जी और कीर्ति आज़ाद के बीच हुए विवाद पर टिप्पणी करते हुए सौगत रॉय ने कहा, कि कल्याण बनर्जी की ओर से पूर्व क्रिकेटर के खिलाफ की गई टिप्पणियां "थर्ड क्लास कमेंट्स" थीं। कल्याण बनर्जी ने कथित तौर पर कीर्ति आज़ाद पर भाजपा में "आंतरिक राजनीति" में लिप्त होने का आरोप लगाया था, जिसके कारण उन्हें भगवा पार्टी से "बाहर निकाल दिया गया" था।

    सौगत रॉय ने कहा, "यह एक अत्यंत घटिया टिप्पणी थी। कीर्ति आज़ाद एक राष्ट्रीय क्रिकेटर रहे हैं। भाजपा छोड़ने के बाद ममता बनर्जी ने उन्हें टीएमसी में शामिल किया था। वह अपने दम पर चुनाव जीते थे। यह गलत है। इसके बाद, कौन पार्टी में शामिल होना चाहेगा?"

    संसद के बाहर भी हुआ था विवाद-

    सौगत रॉय ने इस बात की भी पुष्टि की है, कि संसद के बाहर कल्याण बनर्जी और एक महिला सांसद (जो टीएमसी से ही हैं) के बीच सार्वजनिक विवाद हुआ था। यह घटना भी पार्टी के लिए शर्मनाक साबित हुई है और इसने पार्टी की छवि को और अधिक नुकसान पहुंचाया है। हालांकि, समाचार एजेंसी IANS के साथ एक अन्य बातचीत में, उन्होंने कहा कि उन्हें यह नहीं पता कि चैट वास्तव में हुई थी या नहीं, जो उनके पहले के बयानों से विपरीत है।

    मामले का राजनीतिक असर-

    इस प्रकार के आंतरिक विवाद का पार्टी की छवि पर गहरा असर पड़ रहा है। विपक्षी दल इस मौके का फायदा उठा रहे हैं और टीएमसी के खिलाफ हमलावर रुख अपना रहे हैं। भाजपा नेता अमित मालवीय द्वारा इन स्क्रीनशॉट को शेयर करना इस बात का संकेत है कि विपक्षी दल टीएमसी के आंतरिक कलह को जनता के सामने लाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

    पार्टी नेतृत्व की चुप्पी-

    अब तक पार्टी की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी इस मुद्दे पर मौन हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या पार्टी नेतृत्व इस मामले को गंभीरता से लेगा और दोषी सांसदों के खिलाफ कार्रवाई करेगा?

    जनता की प्रतिक्रिया-

    सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोगों का मानना है, कि यह पार्टी का आंतरिक मामला है और इसे बाहरी लोगों द्वारा उछाला जा रहा है। वहीं, कुछ लोग इसे पार्टी की संस्कृति का प्रतिबिंब मान रहे हैं और नेताओं के व्यवहार पर सवाल उठा रहे हैं।

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    अब देखना यह है कि पार्टी नेतृत्व इस विवाद को किस तरह से हैंडल करता है। क्या ममता बनर्जी इस मामले में हस्तक्षेप करेंगी? क्या कल्याण बनर्जी पर कोई कार्रवाई होगी? क्या इस घटना से पार्टी की छवि और खराब होगी? इन सभी सवालों के जवाब आने वाले दिनों में मिल सकते हैं।

    इस समय टीएमसी के लिए यह महत्वपूर्ण है, कि वह अपने आंतरिक मतभेदों को सुलझाए और एकजुट होकर काम करे, ताकि विरोधी दलों को मौका न मिले। पार्टी के हित में है कि इस प्रकार के विवादों को जल्द से जल्द सुलझाया जाए, ताकि पार्टी की छवि को और नुकसान न पहुंचे।

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