Tirupati Laddu
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    Tirupati Laddu: इस समय तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद के रुप में दिए जाने वाले लड्डुओं को लकर विवाद छिड़ा हुआ है। हाल ही में जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि लड्डुओं को बनाने में जिस घी का इस्तेमाल किया जाता है, उसमें पशु की चर्बी और मछली का तेल पाया गया था। हालांकि एआर डेअरी फूड प्राइवेट लिमिटेड, जो प्रसाद के लड्डुओं को बनाने के लिए घी सप्लाई करती थी, का कहना है कि उनके घी में इस तरह की कोई मिलावट नहीं है। डेयरी ने इस तरह के दावों को मानने से इनकार कर दिया है।

    कंपनी का कहना है (Tirupati Laddu)-

    यह कंपनी तमिलनाडु के डिंडीगुल में मौजूद है, इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस कंपनी का कहना है कि वह टीटीडी को घी की आपूर्ति करने वाली बहुत सी कंपनियों में से एक है और डेयरी फूड के गुणवत्ता नियंत्रण विभाग के प्रमुख ने कहा, की सबसे पहले एचडीबी की लैब टेस्ट रिपोर्ट में यह नहीं कहा गया है, कि घी का नमूना एआर डेअरी का था। रिपोर्ट में यह भी लिखा गया है कि गलत सकारात्मक परिणाम की संभावना है। टीटीडी ने जून और जुलाई में हमारे द्वारा दिए गए घी के टैंकरों को तभी स्वीकार किया, जब परीक्षण रिपोर्ट उन्हें संतोषजनक लगी।

    टीटीडी ने विक्रेता बदल दिए-

    हमने जुलाई के बाद आपूर्ति बंद कर दी, क्योंकि टीटीडी ने विक्रेता बदल दिए। हालांकि घी में मछली के तेल और पशु चर्बी के अंश पाए जाने के कई कारण हो सकते हैं। उनका कहना है कि हमारा मानना है कि घी का नमूना डेयरी फूड प्राइवेट लिमिटेड का नहीं हो सकता। यह बात उस समय सामने आई है, जब टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी जय श्यामलाराम ने यह दावा किया था, कि लैब को भेजे गए, घी के चार नमूने एआर डेअरी में से थे और इस साल 6 जुलाई और 12 जुलाई को चार टैंकरों में पहुंचे थे।

    तेलुगू देशम पार्टी-

    गुरुवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगू देशम पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव लोकेश नायडू ने कहा था, कि लड्डू बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए घी को लैब में टेस्टिंग के लिए भेजा गया। जिसमें मछली के तेल और को चर्बी की मौजूदगी पाई गई। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कथित तौर पर मिलावट के लिए वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सरकार को जिम्मेदार ठहराया। शुक्रवार को सत्ता रूढ़ी तेलुगू देशम पार्टी के प्रवक्ता अनम वेंकट रमन रेड्डी ने कहा कि वाईएसआरपीसी सरकार के तहत टीटीडी ने घी खरीदने का ठेका सबसे कम बोली लगाने वाले को दिया था। जिसमें 320 रुपए प्रति किलोग्राम की बोली लगाई गई।

    शुद्ध घी का बाजार में मूल्य-

    रेड्डी ने यह दावा किया, कि जब अच्छी गुणवत्ता वाले शुद्ध घी का बाजार में मूल्य 900 रुपए प्रति किलो हो सकता है, तो उस दर पर शुद्ध और मिलावट रहित घी की आपूर्ति करना संभव नहीं है। सीआरपीसी सरकार ने इतनी कम बोली लगाकर घी की गुणवत्ता से समझौता किया है। पिछले साल जुलाई में टीटीडी ने कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के अपने कॉन्ट्रैक को फिर से शुरु न करने का फैसला किया था और इसके बजाय ई टेंडर जारी रखने के करने के बाद अन्य आपूर्तिकर्ताओं को चुना। केएमएफ के अध्यक्ष नायक का कहना है. कि 400 प्रति किलोग्राम की दर से वह घी बेच रहे हैं और अगर कोई कंपनी से कम कीमत पर बोली लगाती है, तो वह गुणवत्ता में समझौता करेंगे।

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    एनडीए सरकार-

    इस साल जून में टीडीपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद से अनुबंध पर रद्द कर दिए गए और टीटीडी ने नंदिनी ब्रांड की आपूर्ति के लिए कर्नाटक दुग्ध संघ के साथ संबंधों को शुरू किया। नायक का कहना है कि नई सरकार के सत्ता में आने के बाद, उन्होंने हमसे नंदिनी घी की आपूर्ति करने को कहा और हमने फिर से आपूर्ति शुरू की। यह गर्व और भक्ति की बात है, कि हम मंदिर को शुद्ध घी की आपूर्ति करते हैं। जिससे करोड़ों भक्तों को लड्डू मिलते हैं। टीडीपी प्रवक्ता अनम वेंकट रेड्डी का कहना है, कि केएमएफ 475 रुपए प्रति किलो के दर पर आपूर्ति के लिए सहमत हो गया।

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