Diwali 2025
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    Diwali 2025: दिवाली केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा है, जो हमें समृद्धि, पवित्रता और दैवीय आशीर्वाद से जोड़ती है। रोशनी के इस पर्व की शुरुआत होती है धनतेरस से, जो दिवाली उत्सव का पहला और सबसे शुभ दिन माना जाता है। यह दिन धन, अच्छे स्वास्थ्य और सफलता को आकर्षित करने की विशेष ऊर्जा लेकर आता है। पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार, धनतेरस पर कुछ खास रीति-रिवाजों का पालन करने से आपका घर और मन सकारात्मक ब्रह्मांडीय ऊर्जा से जुड़ जाता है।

    शुभ मुहूर्त में प्रमुख अनुष्ठान करने से हम सकारात्मक ऊर्जा से जुड़ते हैं, जिससे धन और कल्याण में वृद्धि होती है। इस साल दिवाली 2025 में कुछ खास वैदिक विधियों का पालन करके आप अपने जीवन में खुशहाली और समृद्धि ला सकते हैं।

    दिवाली 2025 की तारीखें और शुभ मुहूर्त-

    इस वर्ष धनतेरस 18 अक्टूबर 2025, शनिवार को मनाई जाएगी। इस दिन पूजा का सबसे शुभ समय शाम 7:48 बजे से 8:30 बजे के बीच रहेगा। यह समय देवी लक्ष्मी की आराधना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। वहीं दिवाली यानी लक्ष्मी पूजा 21 अक्टूबर 2025, मंगलवार को है। इस दिन प्रदोष काल शाम 5:52 बजे से 8:24 बजे तक रहेगा, जबकि निशिता काल रात 11:46 बजे से 12:36 बजे तक रहेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इन विशेष मुहूर्तों में की गई पूजा-अर्चना का फल कई गुना बढ़ जाता है।

    धनतेरस पूजा-

    धनतेरस के दिन सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, 13 तेल के दीपक जलाना। शुभ मुहूर्त में इन दीयों को जलाते हुए लक्ष्मी यंत्र की पूजा करनी चाहिए। यह विधि देवी लक्ष्मी के आशीर्वाद को आमंत्रित करने का सबसे प्रभावी तरीका माना जाता है। माना जाता है, कि इस रिवाज़ से न केवल धन-धान्य की वृद्धि होती है, बल्कि परिवार के सभी सदस्यों को अच्छा स्वास्थ्य भी प्राप्त होता है। दीपक जलाते समय मन में सकारात्मक विचार रखें और देवी लक्ष्मी से अपने परिवार की भलाई की प्रार्थना करें।

    कुबेर पूजा धन की रक्षा और वृद्धि-

    भगवान कुबेर को देवताओं का कोषाध्यक्ष माना जाता है और उनकी पूजा धन को सुरक्षित रखने तथा बढ़ाने में सहायक होती है। इस पूजा के लिए भगवान कुबेर की मूर्ति के नीचे एक चांदी का सिक्का रखें और कुबेर मंत्र का जाप करें। यह अनुष्ठान आपके धन की रक्षा करता है और उसे गुणा करने में मदद करता है। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, कुबेर पूजा करने से व्यापार में तरक्की मिलती है और अप्रत्याशित आय के स्रोत खुलते हैं। जो लोग फाइनेंशियल प्लानिंग में कठिनाई महसूस करते हैं, उनके लिए यह पूजा विशेष रूप से लाभकारी है।

    गोवर्धन पूजा संतुलन और शांति का प्रतीक-

    गोवर्धन पूजा एक अनोखी परंपरा है, जो हमें प्रकृति के साथ तालमेल बनाना सिखाती है। इस पूजा के लिए घर में गोवर्धन पर्वत का एक छोटा सा प्रतीकात्मक रूप बनाएं। इसे अनाज, मिठाई और फूलों से सजाएं और गोवर्धन मंत्र का जाप करें। यह आपके घर में संतुलन, शांति और समृद्धि लाने में मदद करता है। गोवर्धन पूजा भगवान कृष्ण की भक्ति का भी प्रतीक है, जिन्होंने गोकुलवासियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया था। यह पूजा हमें याद दिलाती है, कि प्रकृति की सेवा और संरक्षण ही सच्ची समृद्धि का मार्ग है।

    लक्ष्मी पूजा दिवाली की रात का सबसे पवित्र अनुष्ठान-

    दिवाली की रात को लक्ष्मी पूजा सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र अनुष्ठान होता है। इस दिन अपने पूजा स्थल को ताजे फूलों, मिठाइयों, फलों और नए सिक्कों से सजाएं। पूजा स्थल के चारों ओर दीपक जलाएं और श्री सूक्तम या लक्ष्मी गायत्री मंत्र का पाठ करें। यह मंत्र जाप सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को मजबूत करता है और घर में सुख-समृद्धि की वर्षा करता है। लक्ष्मी पूजा करते समय घर के सभी दरवाजे और खिड़कियां खुली रखें, ताकि देवी लक्ष्मी आपके घर में प्रवेश कर सकें। पूजा के बाद परिवार के सभी सदस्यों को प्रसाद वितरित करें और एक-दूसरे को शुभकामनाएं दें।

    दान प्रार्थना से भी शक्तिशाली-

    वैदिक परंपरा में दान को प्रार्थना से भी अधिक शक्तिशाली माना गया है। धनतेरस और दिवाली के दिन दान करना विशेष फलदायी होता है। इन दिनों सोना, भोजन, कपड़े या रोजमर्रा की जरूरी चीजें दान करें। यह दान आपके जीवन में ग्रहों के शुभ प्रभाव को बढ़ाता है। जब हम दूसरों की मदद करते हैं, तो ब्रह्मांड भी हमारी सहायता के लिए तैयार हो जाता है। दान करते समय यह ध्यान रखें, कि आप दिल से दे रहे हैं, न कि दिखावे के लिए। जरूरतमंद लोगों की मदद करना सबसे बड़ा धर्म है और यह आपके कर्मों को शुद्ध करता है।

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    दिवाली की तैयारियां और सकारात्मक ऊर्जा-

    इन वैदिक अनुष्ठानों के अलावा, दिवाली की तैयारियां भी बेहद महत्वपूर्ण हैं। घर की साफ-सफाई करना, पुराने और टूटे-फूटे सामान को हटाना और नए रंगोली डिजाइन बनाना सभी सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करते हैं। दिवाली के दिन घर में नकारात्मकता के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। जितना साफ और ऑर्गेनाइज़ड आपका घर होगा, उतनी ही अधिक पॉज़िटीव वाइब्स आएंगी।

    इस दिवाली 2025 में इन पांच वैदिक अनुष्ठानों का पालन करके आप अपने जीवन में खुशहाली, समृद्धि और शांति ला सकते हैं। याद रखें, कि ये केवल परंपरा नहीं हैं, बल्कि ये हमें ब्रह्मांडीय ऊर्जा से जोड़ने का माध्यम हैं। शुभ दिवाली!

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