Nagpur Flyover
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    Nagpur Flyover: नागपुर शहर में बन रहा इंदौरा-डिघोरी फ्लाईओवर अब गलत वजहों से मशहूर हो गया है। 998 करोड़ रुपए खर्च करके बनाया जा रहा, यह पुल अशोक चौक पर एक घर की बालकनी को छूता दिख रहा है। इसकी तस्वीरें इंटरनेट पर तेज़ी से फैल गई हैं और लोग इसका मज़ाक उड़ा रहे हैं। यह अजीब नज़ारा देखकर लोग हैरान हैं। जो फ्लाईओवर ट्रैफिक की समस्या हल करने के लिए बनाया जा रहा था, वही अब लोगों के घरों में घुसता दिख रहा है। इंटरनेट पर लोग इसे ‘फ्लाईओवर-टच हाउस’ कह रहे हैं।

    पत्रे परिवार का घर बना मुसीबत-

    जो तस्वीरें वायरल हो रही हैं, उनमें साफ दिख रहा है, कि फ्लाईओवर का कंक्रीट का हिस्सा सीधे एक घर के अंदर तक जा रहा है। यह घर पत्रे परिवार का है। उनकी बालकनी फ्लाईओवर के किनारे से टकरा रही है। लोकमत टाइम्स अख़बार की खबर के मुताबिक, पत्रे परिवार को कई महीने पहले नागपुर नगर निगम का नोटिस मिला था। लेकिन उसके बाद कुछ नहीं हुआ। अभी तक परिवार को अपने घर का हिस्सा तोड़ने के लिए कोई पैसा भी नहीं मिला है।

    इंटरनेट पर जमकर हो रही आलोचना-

    इंटरनेट पर लोग इस पूरे मामले को लेकर सरकार की खूब आलोचना कर रहे हैं। लोग कह रहे हैं, कि यह बिल्कुल गलत तरीके की प्लानिंग है। कई लोग इसे इंसानियत से दूर विकास का काम बता रहे हैं। फेसबुक और ट्विटर पर लोग मज़ेदार तस्वीरें और वीडियो बना रहे हैं। लोग पूछ रहे हैं, कि क्या यही है, स्मार्ट सिटी बनाने का तरीका? कुछ लोग तो इसे देसी जुगाड़ का नया रूप भी कह रहे हैं।

    NHAI यह घर गलत जगह बना है-

    राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने अपनी सफाई देते हुए कहा है, कि यह घर गलत जगह बनाया गया है। NHAI का कहना है, कि उन्होंने काम शुरू होते ही इस समस्या को देख लिया था और नागपुर नगर निगम से इसे हटाने को कहा था। NHAI ने ट्विटर पर लिखा, “इंदौरा-डिघोरी फ्लाईओवर की जो तस्वीरें इंटरनेट पर घूम रही हैं, उसके बारे में बताना चाहते हैं, कि हमने काम के दौरान ही देखा था, कि यह घर गलत जगह बना है। हमने नगर निगम से कहा था, कि इसे हटाया जाए।”

    डेढ़ मीटर की दूरी का दावा-

    NHAI का कहना है, कि फ्लाईओवर के आखिरी छोर से घर के किनारे तक डेढ़ मीटर की दूरी है। लेकिन घर के मालिक ने अपनी बालकनी को अपनी जमीन की हद से आगे बढ़ा दिया है, जिससे यह समस्या हुई है।

    NHAI ने अपने बयान में कहा, “घर के मालिक ने बालकनी को अपनी जमीन की हद से बाहर बढ़ाया है और जो हिस्सा बाहर निकला है, उसे जल्दी तोड़ दिया जाएगा। NHAI यह बताना चाहती है, कि फ्लाईओवर बिल्कुल सही डिजाइन के हिसाब से बनाया गया है और सभी सुरक्षा के नियम अपनाए गए हैं।”

    काम चल रहा है, लेकिन सवाल अभी भी हैं-

    कमल चौक, रेशिमबाग चौराहा और डिघोरी के बीच ट्रैफिक आसान बनाने के लिए बनाया जा रहा यह फ्लाईओवर अब तक का सबसे महंगा काम है। लेकिन इस तरह की गलतियों से लोगों का भरोसा उठ गया है। यहां रहने वाले लोगों का कहना है, कि अगर सब कुछ सही तरीके से प्लान किया गया था, तो फिर यह हालत कैसे बनी? लोग पूछ रहे हैं, कि क्या सरकारी दफ्तरों के बीच में बात-चीत नहीं हुई या फिर यह सरासर लापरवाही है।

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    फिलहाल NHAI का कहना है, कि बालकनी का जो हिस्सा बाहर निकला है उसे जल्दी तोड़ दिया जाएगा। लेकिन पत्रे परिवार को अभी तक इस बात की साफ जानकारी नहीं मिली है, कि उन्हें कितना पैसा मिलेगा। इस पूरे मामले ने यह सवाल खड़ा कर दिया है, कि क्या विकास के नाम पर आम लोगों की जिंदगी और संपत्ति को नजरअंदाज करना सही है।

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