Muharram 2025: भारत में जुलाई की शुरुआत इस्लामी कैलेंडर के सबसे अहम महीने मुहर्रम के स्वागत के साथ होगी। इस साल मुहर्रम 6 या 7 जुलाई को पड़ सकता है, अंतिम तिथि चांद देखने पर तय होगी। फ़िलहाल 6 जुलाई को ही इस्लामी नववर्ष की संभावित तिथि मानी जा रही है।
Muharram 2025 बंद रहेंगे सरकारी दफ्तर और स्कूल-
मुहर्रम के दिन देशभर के केंद्र और राज्य सरकार के कार्यालयों, विद्यालयों, कॉलेजों और कई निजी संस्थानों में अवकाश रहेगा। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में, जहां मुस्लिम समुदाय की बड़ी आबादी है, वहां जल्द ही इस छुट्टी से जुड़ी आधिकारिक अधिसूचनाएं जारी की जाएंगी। स्कूल जाने वाले छात्र और उनके अभिभावक स्थानीय नोटिस बोर्ड और ऑनलाइन स्कूल सर्कुलर पर नज़र बनाए रखें।
Muharram 2025 बैंकिंग सेवाएं रहेंगी प्रभावित-
यदि आपको बैंक से जुड़ा कोई जरूरी काम है, तो बेहतर होगा कि आप उसे मुहर्रम से पहले निपटा लें, क्योंकि इस दिन देश के अधिकतर बैंक बंद रहेंगे। सार्वजनिक और निजी बैंक दोनों पर इसका असर पड़ेगा। डिजिटल ट्रांज़ैक्शंस और ATM सेवाएं उपलब्ध तो रहेंगी, लेकिन कुछ क्षेत्रों में कैश की उपलब्धता सीमित हो सकती है।
स्टॉक मार्केट और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स पर भी असर-
भारत के दो प्रमुख शेयर बाज़ार—NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) और BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज)—मुहर्रम के दिन पूरी तरह से बंद रहेंगे। इसका असर इक्विटी, डेरिवेटिव्स और करेंसी से जुड़े सभी सेगमेंट्स पर पड़ेगा। वहीं, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) सुबह के ट्रेडिंग सेशन में बंद रहेगा, लेकिन शाम 5 बजे से रात 11:55 बजे तक दोबारा खुल जाएगा।
मुहर्रम का आध्यात्मिक पक्ष-
मुहर्रम इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना है और इसी से इस्लामी नववर्ष की शुरुआत होती है। यह महीना विशेष रूप से शिया मुस्लिम समुदाय के लिए गहरे भावनात्मक और आध्यात्मिक महत्व रखता है। मुहर्रम की 10वीं तारीख, जिसे 'अशूरा' कहा जाता है, उस दिन की याद में मनाई जाती है जब पैगंबर मुहम्मद के नवासे इमाम हुसैन ने करबला में अत्याचार के खिलाफ लड़ते हुए अपनी जान कुर्बान कर दी थी। इस दिन मातमी जुलूस, नज़्र-ओ-नियाज़ और प्रार्थनाएं आयोजित की जाती हैं।
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धार्मिक आस्था और सामाजिक संदेश-
मुहर्रम केवल शोक का महीना नहीं, बल्कि यह सत्य, न्याय और बलिदान की भावना को आत्मसात करने का समय भी है। इमाम हुसैन की शहादत हमें यह सिखाती है. कि बुराई के खिलाफ खड़े होने के लिए कितना भी बड़ा त्याग क्यों न करना पड़े, धर्म और इंसानियत की राह कभी नहीं छोड़नी चाहिए।
क्या ध्यान रखें?
मुहर्रम की अंतिम तिथि चांद की स्थिति पर आधारित होगी, इसलिए यह जरूरी है कि आप अपने क्षेत्र के स्थानीय प्रशासन या धार्मिक बोर्ड द्वारा घोषित आधिकारिक जानकारी का इंतज़ार करें।
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