Noida Momo Food Poisoning: नोएडा के अल्फा वन इलाके में एक मोमो स्टॉल से खाना खाने के बाद एक पूरा परिवार बीमार पड़ गया है। इस घटना के बाद खाद्य सुरक्षा विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए, उस स्टॉल से सैंपल लिए हैं। यह मामला ग्रेटर नोएडा के सेक्टर एक्स यू-2 के निवासी सुनील कसाना के परिवार का है, जिसके चार सदस्य 25 मई की शाम मोमो खाने के बाद गंभीर रूप से बीमार पड़ गए थे।
सुनील कसाना की पत्नी मुनीता कसाना, बेटा विनय और दो बेटियां पारुल व दीपिका ने अल्फा वन के कमर्शियल बेल्ट में स्थित एक मोमो स्टॉल से खाना खाया था। खाना खाने के कुछ देर बाद ही सभी को उल्टी और दस्त की समस्या शुरू हो गई। हालत बिगड़ने पर अगली सुबह सभी को कैलाश हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा।
Noida Momo Food Poisoning डॉक्टरों ने बताया फूड पॉइजनिंग का केस-
अस्पताल में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने बताया, कि यह स्पष्ट रूप से खाने की वजह से हुआ पेट का इन्फेक्शन है। हालांकि विनय और मुनीता को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है, लेकिन पारुल और दीपिका दोनों बेटियां अभी भी इलाज कराने के लिए अस्पताल में भर्ती हैं। धीरे-धीरे उनकी हालत में सुधार हो रहा है, लेकिन पूरी तरह से ठीक होने में अभी कुछ समय लगेगा।
सुनील कसाना ने बताया कि शुरू में उन्हें संदेह नहीं था कि यह मोमो की वजह से हुआ है। लेकिन जब सभी का एक साथ यही हाल हुआ और डॉक्टरों ने फूड पॉइजनिंग की पुष्टि की, तब जाकर उन्हें एहसास हुआ कि दिक्कत उसी मोमो स्टॉल की वजह से है। इसके बाद उन्होंने गुरुवार को जिला कलेक्ट्रेट में शिकायत दर्ज कराई।
Noida Momo Food Poisoning फूड सेफ्टी टीम ने तुरंत ली कार्रवाई-
शिकायत मिलने के तुरंत बाद खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने उस मोमो स्टॉल से सैंपल लिए हैं। फूड सेफ्टी ऑफिसर इब्बदुल्लाह ने बताया कि उन्होंने मोमो और चटनी दोनों के सैंपल लिए हैं। हालांकि वह यह भी कह रहे हैं कि हो सकता है किसी और चीज की वजह से भी यह इन्फेक्शन हुआ हो, क्योंकि अगर सिर्फ मोमो की वजह से होता तो उस स्टॉल से खाने वाले और भी लोग बीमार होते।
असिस्टेंट फूड कमिश्नर सर्वेश कुमार ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि जो सैंपल लिए गए हैं, वे टेस्टिंग के लिए लैब भेज दिए गए हैं। लैब रिपोर्ट आने के बाद वेंडर के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। साथ ही यह भी चेक किया जा रहा है कि यह फूड स्टॉल फूड डिपार्टमेंट में रजिस्टर्ड है या नहीं। अगर रजिस्ट्रेशन नहीं है तो इसके लिए भी सख्त कार्रवाई होगी।
यह पहला मामला नहीं, पहले भी हो चुकी है ऐसी घटनाएं-
दुर्भाग्य की बात यह है कि नोएडा में यह पहली बार नहीं हुआ है। पिछले साल 29 सितंबर को पी-2 सेक्टर के एल्डेको ग्रीन्स सोसाइटी के पास एक मोमो स्टॉल से खाना खाने के बाद 14 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। उस घटना के बाद दिसंबर में फूड डिपार्टमेंट ने तीन मोमो शॉप्स के खिलाफ कार्रवाई की थी, क्योंकि उनकी चटनी के सैंपल सेफ्टी टेस्ट में फेल हो गए थे।
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यह घटनाएं दिखाती हैं, कि नोएडा में स्ट्रीट फूड की क्वालिटी को लेकर गंभीर चिंता है। खासकर मोमो जैसे popular स्ट्रीट फूड के साथ बार-बार ऐसी समस्याएं आ रही हैं। लोगों को सलाह दी जा रही है, कि वे किसी भी स्ट्रीट फूड वेंडर से खाना खाने से पहले उसकी साफ-सफाई और क्वालिटी को जरूर चेक करें।
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