Iran Pakistan Relations
    Photo Source - Google

    Iran Pakistan Relations: एक साल पहले तक ईरान और पाकिस्तान एक-दूसरे के क्षेत्र में हवाई हमले कर रहे थे, लेकिन आज स्थिति बिल्कुल अलग है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की तेहरान यात्रा इस बात का प्रमाण है, कि दोनों देश अपने मतभेदों को भूलकर एक साथ खड़े होने को तैयार हैं। इस अचानक बदलाव की सबसे बड़ी वजह है गाजा का संकट।

    अक्टूबर 2023 में हमास के हमले के बाद इजराइल द्वारा गाजा में किए गए क्रूर प्रतिहमलों ने पूरी दुनिया को हिला दिया है। इस मानवीय संकट ने इस्लामी देशों को एक मंच पर ला दिया है, और ईरान-पाकिस्तान के रिश्तों में भी नई गर्माहट आई है।

    Iran Pakistan Relations खामेनई की पाकिस्तान को सराहना-

    ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह खामेनई ने पाकिस्तान की तारीफ करते हुए कहा है कि पश्चिमी दबाव के बावजूद भी पाकिस्तान ने इजराइल के साथ संबंध सामान्य नहीं किए हैं। उन्होंने कहा, “जबकि कई इस्लामी देशों पर इजराइली शासन के साथ संबंध बनाने का दबाव था, पाकिस्तान ने इन प्रलोभनों के आगे कभी घुटने नहीं टेके।” खामेनई ने यह भी कहा कि फिलिस्तीन का मुद्दा पूरी इस्लामी दुनिया की सबसे बड़ी चिंता है।

    तेहरान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, खामेनई ने कहा, “गाजा की स्थिति इस हद तक पहुंच गई है कि यूरोप और अमेरिका के आम लोग अपनी सरकारों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन दुर्भाग्य से कुछ इस्लामी सरकारें इन परिस्थितियों में भी इजराइली शासन के साथ खड़ी हैं।”

    Iran Pakistan Relations शरीफ का भारत को संदेश-

    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपनी तेहरान यात्रा के दौरान भारत के साथ हुए हालिया संघर्ष का मुद्दा भी उठाया। पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में किए गए हवाई हमलों के संदर्भ में शरीफ ने ईरान की “सकारात्मक भूमिका” की सराहना की।

    ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर, जल साझाकरण और व्यापार सहित “लंबे समय से चली आ रही समस्याओं” के “समाधान खोजने” के लिए भारत के साथ बात करने को तैयार है। उन्होंने कहा, “हम अपने पड़ोसी के साथ पानी के मुद्दों पर शांति के लिए बात करने को तैयार हैं। हम व्यापार को बढ़ावा देने और आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भी बात करने को तैयार हैं।”

    ईरान की संयमित प्रतिक्रिया-

    हालांकि ईरान की प्रतिक्रिया काफी संयमित रही है। खामेनई ने एक्स पर लिखा, “हम पाकिस्तान और भारत के बीच संघर्ष की समाप्ति से खुश हैं और उम्मीद करते हैं कि दोनों देशों के बीच मतभेद सुलझ जाएंगे।” ईरानी राष्ट्रपति पेजेश्कियान ने भारत और पाकिस्तान के बीच स्थायी युद्धविराम के लिए ईरान के समर्थन की आवाज उठाई और विवादों को सुलझाने और शांति को बढ़ावा देने के लिए संवाद का आह्वान किया।

    ये भी पढ़ें- जयशंकर ने क्यों तोड़ा 20 साल का मौन, तालिबान से की पहली बार ये सीधी बात

    पिछले साल की दुश्मनी से इस साल की दोस्ती-

    पिछले साल ईरान ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में जैश अल-अदल समूह को निशाना बनाने के लिए हवाई हमले किए थे। यह सुन्नी सलाफी संगठन एक आतंकवादी समूह है जो ईरान के सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत की स्वतंत्रता चाहता है और अतीत में ईरानी सीमा रक्षकों को निशाना बनाता रहा है। इसके जवाब में पाकिस्तान ने ईरान में बलूच लिबरेशन फ्रंट के ठिकानों पर हमले किए थे।

    अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी की एक वैश्विक खतरा मूल्यांकन रिपोर्ट के अनुसार, “पाकिस्तान और ईरान ने जनवरी 2024 में एक-दूसरे के क्षेत्र में एकतरफा हवाई हमले करने के बाद तनाव कम करने के लिए उच्च स्तरीय बैठकों सहित कदम उठाए हैं।”

    ये भी पढ़ें- कोरोना से एक हफ्ते में क्यों हो रही 350 अमेरिकियों की मौत? एक्सपर्ट्स ने बताए कारण