Hanuman Jayanti
    Photo Source - Google

    Sankatmochan Hanuman Ashtak: संकटमोचन हनुमान अष्टक भगवान हनुमान की भक्ति का एक भजन है। हनुमान जी के समर्पित अनुयाई संत तुलसीदास ने संकट मोचन हनुमान अष्टकम लिखा है। प्रार्थना में भगवान हनुमान की स्तुति में 8 शब्द शामिल किए गए हैं। जिन्हें अष्टक या अष्टम कहा जाता है, भजन का समापन एक दोहे के साथ होता है। इस स्तोत्र का पाठ करने वाले व्यक्ति के साथ-साथ उसके परिवार को भी लाभ मिलता है। यह भजन पूरे परिवार में शांति को बढ़ावा देता है और मानसिक शांति में सहायता करता है। संकट मोचन हनुमानाष्टक का नियमित पाठ करना भी बेहतर स्वास्थ्य में सहायता करता है। संकट मोचन हनुमान अष्टक का पाठ करके व्यक्ति सफलता की सभी बधाओं और लगातार आ रही चुनौतियों को पार कर लेता है। संकट मोचन हनुमान अष्टक का जाप शैक्षणिक सफलता सुनिश्चित करता है और व्यक्तियों को अपने लक्ष्य के अनुसार आगे बढ़ाने और शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।

    संकट मोचन हनुमान अष्टक गीत-

    • बाल समय रवि भक्षी लियो तब, तीनहु लोक भयो अंधियरो |
    • ताही सो ‌त्रास भयो जग को, यहां संकट काहू सो जात ना तारो |
    • दीवान आणि करि बिनती तब, छाधि दियो देव रवि कष्ट निवारो||
    • को नहीं जानत है जग में कपि संकट मोचन नाम तिहारो ||1||
    • बाली की त्रास कपीस बसे गिरि, जात महाप्रभु पंथ
      निहारो|
    • चौकी महामुनि सर्प दिया तब चाहिए कौन बिचार बिचारो|
    • कै द्विज रूप लिवाई मह प्रभु सो तुम दास के सो निवारो|
    • को नहीं जानत है जग में, कपिसंकट मोचन नाम तिहारो||2||
    • अंगद के संग लैं गए सिया, खोज कपिस यह बाण उचारो|
    • जीवन ना बची हो हम सों जू, बिना सुधि लाए एहां पगु धरो|
    • ह्मरी थके तत्त सिंधु सबै तब लै सिया-सुधि प्राण उबारो||
    • को नहीं जन्नत है जग में कपि संकट मोचन नाम तिहारो||3||
    • ताहि समय हनुमान महाप्रभु, जय मह रजनीचर मारो||
    • चाहत सीया अशोक सो अगि सु, दै मुद्रिका सोका निवारो||
    • को नहीं जानत है जग में कभी संकट मोचन नाम तिहारो||4||
    • बाण लग्यो उर लक्ष्मण के तब, प्राण ताजे सूत रावण मारो|
    • लै गृह बैद सुषेण समेट, तबै गिरी द्रोण सु बीयर उपारो |
    • आनि सजीवन हाथ दयी तबा लक्षिमन के तुम प्राण उपारो |
    • को नहीं जानत है जग में कपि संकट मोचन नाम तिहारो ||5||
    • रावण युद्ध अजान कियो तब, नाग का फास सभी सिर डारो |
    • श्रीरघुनाथ सहित सबै दल, मोह भयो यह संकट भरो |
    • आनि खगेश तबै हनुमान जू, बंधन कटि सूत्र निवारो |
    • को नहीं जानत है जग में कापि संकट मोचन नाम तिहारो ||6||
    • बंधु समेत जाबै अहिरावण, लै रघुनाथ पाताल सिधारो |
    • देवहि पूजि भली विधि सो बलि, देउ सबै मिलि मंत्र विचारो |
    • जय सहाय भयो तब ही अहिरावण सैन्य समेट संहारो |
    • को नहीं जानत है जग में कपि संकट मोचन नाम तिहारो ||7||
    • काज किये बारह दीवान के तुम, बियर महाप्रभु देखी बिचारो |
    • कौन सो संकट मोहिं गरीब को, जो तुमसो नहीं जात है तारो |
    • बेगीहरो हनुमान महाप्रभु जो कुछ संकट होए हमारो |
    • को नहीं जानात है जग में कपि संकट मोचन नाम तिहारो ||8||

    दोहा-

    • लाल देह लाली लसे, अरू धारी लाल लंगूर |
      बज्रदेह दानवदलन, जय, जय, जय कपिसूर ||

    ये भी पढ़ें- Vastu Tips: लॉन्ग के यह उपाय करेंगे हर बाधा दूर, आज ही अपनाएं