Gold Price
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    Gold Price: अगर आपको लगता है, कि सोने की कीमतें सिर्फ इसलिए बढ़ रही हैं, क्योंकि शादियों का सीजन चल रहा है, तो यह सोच बिल्कुल गलत है। पिछले कुछ महीनों में सोने की कीमतों में जो उछाल आया है, वह किसी रॉकेट से कम नहीं है। एक तोला सोना जो कुछ समय पहले ₹50,600 में मिल रहा था, वह अब ₹1,30,000 के करीब पहुंचने वाला है। यह ग्रोथ देखकर हर किसी का दिमाग चकरा जाता है। लेकिन इस बढ़ोतरी के पीछे की असली कहानी कुछ और ही है, जो ग्लोबल पॉलिटिक्स और इकोनॉमिक्स से जुड़ी हुई है।

    लोगों की सोच-

    भारत में ज्यादातर लोग यह मानते हैं, कि सोने की कीमतें बढ़ने की वजह देश में बढ़ती डिमांड है। शादियों का मौसम आता है, लोग सोना खरीदते हैं, तो रेट बढ़ जाता है। लेकिन हकीकत कुछ और ही है। सोने की कीमतें ग्लोबल मार्केट से तय होती हैं, ना कि सिर्फ भारत की खरीद-बिक्री से। जो कुछ पूरी दुनिया में हो रहा है, वही सोने के रेट को कंट्रोल करता है। भारतीय बाजार तो बस उस ग्लोबल ट्रेंड को फॉलो करता है। सोना एक ऐसी कमोडिटी है, जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय घटनाओं, जियोपॉलिटिकल टेंशन, करेंसी की स्थिरता और सेंट्रल बैंक्स की पॉलिसीज से तय होती है।

    रूस-यूक्रेन युद्ध ने बदला खेल-

    सोने की कीमतों में इस भारी उछाल की असली वजह समझने के लिए हमें रूस-यूक्रेन युद्ध के समय में वापस जाना होगा। जब यह युद्ध शुरू हुआ, तो अमेरिका ने रूस के बहुत सारे डॉलर एसेट्स को फ्रीज कर दिया। यह एक ऐसा कदम था, जिसने पूरी दुनिया की आंखें खोल दीं। दरअसल, दुनिया का हर देश अपना पैसा डॉलर में सेव करता है, क्योंकि डॉलर दुनिया की सबसे मजबूत करेंसी है।

    लेकिन यही चीज अमेरिका को एक खतरनाक पावर भी दे देती है। वह जब चाहे किसी भी देश के डॉलर रिजर्व्स को डिसेबल या फ्रीज कर सकता है। रूस के साथ जब यह हुआ, तो पूरी दुनिया के देशों को यह अहसास हुआ, कि अमेरिका पर आंख बंद करके भरोसा करना खतरनाक हो सकता है। रूस का खुद का बहुत बड़ा हिस्सा जो डॉलर में था, उसे अमेरिका ने एक झटके में लॉक कर दिया। यह घटना एक वेक-अप कॉल थी सभी देशों के लिए।

    सोना बना नया सेफ हेवन-

    इस घटना के बाद दुनिया भर के देशों ने एक नई रणनीति अपनाई। उन्होंने सोचा, कि अगर अमेरिका इस तरह की दादागिरी कर सकता है, तो क्यों ना अपनी संपत्ति को किसी ऐसी चीज में रखा जाए, जो किसी एक देश के कंट्रोल में ना हो और यहीं से सोने का महत्व बढ़ गया। सोना एक ऐसा एसेट है, जो हमेशा से अमर रहा है और आगे भी रहेगा। इसे कोई एक देश कंट्रोल नहीं कर सकता, ना ही इसे फ्रीज किया जा सकता है।

    अब धरती भर के सारे सेंट्रल बैंक्स अपना रिजर्व सोने में रखना शुरू कर रहे हैं। हर देश का सेंट्रल बैंक चाहे वह भारत की रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया हो, चाइना का पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना हो, या कोई और सभी रियल टाइम में सोना खरीद रहे हैं। यह खरीदारी अभी भी जारी है और इसी वजह से सोने की कीमतें लगातार ऊपर जा रही हैं।

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    गोल्ड इज द गॉड्स करेंसी-

    सोने को “गॉड्स करेंसी” कहा जाता है, क्योंकि इसकी वैल्यू हमेशा बनी रहती है। युद्ध हो या शांति, मंदी हो या तेजी, सोने की अहमियत कभी कम नहीं होती। जब दुनिया में अनिश्चितता बढ़ती है, तो लोग और सरकारें सोने की तरफ भागती हैं। यह एक ऐसा सेफ इन्वेस्टमेंट है, जिस पर सबको भरोसा है। अब जबकि सभी देशों की आंखें खुल गई हैं, कि अमेरिका जब चाहे किसी की भी एसेट्स को फ्रीज कर सकता है, तो सभी अपनी संपत्ति को डायवर्सिफाई करना चाहते हैं।

    भारत की रिजर्व बैंक भी लगातार अपने गोल्ड रिजर्व्स को बढ़ा रही है। चीन भी इसी रास्ते पर चल रहा है। दूसरे विकासशील और विकसित देश भी इसी दिशा में मूव कर रहे हैं। यह सिर्फ एक ट्रेंड नहीं है, बल्कि एक जरूरत बन गई है।

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