Kabul to Delhi: 21 सितंबर की वह सुबह दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक ऐसी घटना हुई, जिसने सभी को हैरान कर दिया। एक 13 साल का अफगान बच्चा काम एयर की काबुल से दिल्ली आने वाली फ्लाइट के लैंडिंग गियर में छुपकर भारत पहुंचा था। इंडिया टुडे को इस बच्चे की पहली तस्वीर हासिल हुई है, जो इस पूरी घटना की सच्चाई को बयां करती है। तस्वीर में दिख रहा है, कि बेज रंग का पठानी सूट और काली जैकेट पहने यह बच्चा एयरपोर्ट में खड़ा है। उसके चेहरे पर घबराहट साफ नजर आ रही है, जो इस बात को दर्शाती है, कि वह कितनी मुश्किल स्थिति में था।
जिंदगी और मौत के बीच का खतरनाक सफर-
यह कोई आम यात्रा नहीं थी। प्लेन के लैंडिंग गियर में छुपकर यात्रा करना जान जोखिम में डालने के बराबर है। हजारों फीट की ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी, बर्फ जैसी ठंड और दबाव की समस्या जैसी कई चुनौतियां होती हैं। लेकिन इस बच्चे ने इन सभी खतरों को जानते हुए भी यह कदम उठाया।
#BreakingNews : This is that child who hid in the plane's landing gear and reached Delhi from Kabul! The first picture has come out.#Afghanistan #DelhiAirport pic.twitter.com/Tj1kxZ5uQC
— Breaking News World wide (@News1stShot1) September 24, 2025
विशेषज्ञों के अनुसार, लैंडिंग गियर में यात्रा करना अत्यंत खतरनाक होता है, क्योंकि वहां तापमान माइनस 60 डिग्री तक पहुंच जाता है। इसके बावजूद यह बच्चा जिंदा बच गया, जो अपने आप में एक चमत्कार है। यह घटना दिखाती है, कि अफगानिस्तान के हालात कितने गंभीर हैं, कि लोग अपनी जान जोखिम में डालकर भी वहां से निकलने की कोशिश कर रहे हैं।
एयरपोर्ट अधिकारियों की सतर्कता-
जैसे ही काम एयर की फ्लाइट 21 सितंबर को दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड हुई, सिक्योरिटी अधिकारियों को कुछ अजीब लगा। जब उन्होंने प्लेन की जांच की तो लैंडिंग गियर के पास से यह बच्चा मिला। अधिकारियों ने तुरंत उसे हिरासत में लिया और उसकी पूछताछ शुरू की।
वापसी का फैसला और सवाल-
एयरपोर्ट अधिकारियों और इमिग्रेशन टीम ने बच्चे से पूछताछ करने के बाद फैसला किया, कि उसे वापस काबुल भेजा जाएगा। उसी दिन शाम को काम एयर की वापसी की फ्लाइट RQ-4402 से इस बच्चे को काबुल वापस भेज दिया गया।
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अफगानिस्तान की स्थिति का दर्द-
यह घटना अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति का दर्दनाक चेहरा दिखाती है। जब से तालिबान ने वहां कब्जा किया है, तब से लाखों लोग देश छोड़कर जाने को मजबूर हैं। खासकर बच्चों और महिलाओं की स्थिति काफी गंभीर है। इस 13 साल के बच्चे की कहानी सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं है, बल्कि हजारों अफगान परिवारों के दर्द की दास्तान है। वे लोग जो बेहतर जिंदगी की तलाश में अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं।
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