Nitish Kumar Vice President
    Photo Source - Google

    Nitish Kumar Vice President: भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण बयान देकर सभी अटकलों पर विराम लगा दिया। पार्टी ने स्पष्ट कर दिया, कि अगला उपराष्ट्रपति भाजपा से ही होगा और पार्टी किसी ऐसे व्यक्ति को नामांकित करेगी, जो इसकी विचारधारा से जुड़ा हो। यह बयान उस समय आया जब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति पद के लिए विचार करने की चर्चा तेज हो गई थी।

    धनखड़ के इस्तीफे से शुरू हुई राजनीतिक हलचल-

    सोमवार शाम को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छेड़ दी। आने वाले साल में कई अहम राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, इसलिए यह अनुमान लगाया जा रहा था, कि भाजपा इस अवसर का फायदा उठाकर किसी गठबंधन के साझीदार को यह पद देने पर विचार कर सकती है। बिहार में इस साल के अंत में चुनाव होने वाले हैं, जबकि पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु में अगले साल मतदान होना है।

    JDU नेता की भाजपा अध्यक्ष से मुलाकात(Nitish Kumar Vice President)-

    नीतीश कुमार के नाम की चर्चा तब और तेज हो गई, जब जनता दल यूनाइटेड के नेता और केंद्रीय मंत्री राम नाथ ठाकुर की भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात हुई। दिलचस्प बात यह है, कि बिहार के कुछ भाजपा नेताओं ने भी नीतीश के समर्थन में आवाज उठाई थी। यह मुलाकात एक साधारण शिष्टाचार की मुलाकात थी या कुछ और इसको लेकर मीडिया में काफी चर्चा हुई।

    बिहारी नेताओं का समर्थन-

    हरिभूषण ठाकुर बचौल भाजपा विधायक ने मीडिया से कहा, कि यदि उपराष्ट्रपति नीतीश जी बनते हैं, तो बिहार के लिए यह गर्व की बात होगी। "हालांकि यह मेरे हाथ में नहीं है, लेकिन उपराष्ट्रपति अगर नीतीश जी बनते हैं, तो यह बिहार के लिए बहुत गर्व की बात होगी। उनका लंबा प्रशासनिक रिकॉर्ड है। बिहार के लिए सौभाग्य की बात होगी।" बिहार के मंत्री नीरज कुमार सिंह बब्लू ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त किए और कहा कि नीतीश को उपराष्ट्रपति बनाने के फैसले का वे स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा, "इसमें क्या समस्या है, अगर वे उपराष्ट्रपति बन जाते हैं? यह वास्तव में अच्छी बात होगी।"

    मुख्यमंत्री पद को लेकर भी स्पष्टता का अभाव-

    इन अटकलों को और हवा इस बात से मिली, कि न तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और न ही गृह मंत्री अमित शाह ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है। हालांकि, दोनों नेताओं ने स्पष्ट रूप से कहा है, कि राजग नीतीश के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगा। यह दोहरा संदेश राजनीतिक समीक्षकों में भ्रम की स्थिति बनाए हुए था।

    प्रधानमंत्री मोदी की विदेश यात्रा के बाद होगा अंतिम फैसला-

    सभी गलतफहमियों को दूर करते हुए भाजपा ने अपना रुख साफ कर दिया है। पार्टी का कहना है, कि अगला उपराष्ट्रपति भाजपा से ही होगा। राजग की तरफ से किसे उम्मीदवार बनाया जाएगा, इसका अंतिम फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन और मालदीव की यात्रा से वापसी के बाद लिया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी 26 जुलाई को अपनी विदेश यात्रा पूरी करके वापस लौटेंगे।

    चुनाव आयोग ने शुरू की प्रक्रिया-

    बुधवार को भारत निर्वाचन आयोग ने घोषणा की, कि उसने उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है। चुनाव आयोग ने कहा, कि सभी तैयारियों की समीक्षा के बाद कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी। धनखड़ के इस्तीफे से चुनाव आयोग के पास चुनाव संपन्न कराने के लिए 60 दिन का समय है।

    राजग के पास है स्पष्ट बहुमत-

    संख्या की बात करें, तो स्थिति राजग के पक्ष में बिल्कुल साफ है। गठबंधन को लोकसभा और राज्यसभा मिलाकर कुल 422 सांसदों का समर्थन प्राप्त है। उपराष्ट्रपति बनने के लिए कम से कम 394 सांसदों के समर्थन की जरूरत होती है, जो राजग के पास आसानी से उपलब्ध है। विपक्ष अभी तक अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है और वे सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं।

    ये भी पढ़ें- Al-Qaeda Terrorist: जानिए क्या है अल-कायदा? जिससे जुड़े चार आतंकवादी गुजरात में हुए गिरफ्तार

    राजनीतिक समीकरण-

    इस पूरे प्रकरण से यह साफ हो गया है, कि भाजपा अपनी मूल विचारधारा से समझौता नहीं करना चाहती। पार्टी ने गठबंधन के प्रबंधन और वैचारिक शुद्धता के बीच एक स्पष्ट लकीर खींची है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा, कि कौन सा नेता इस महत्वपूर्ण पद के लिए चुना जाता है और यह फैसला आगामी चुनावों में कैसे प्रभाव डालता है।

    ये भी पढ़ें- Delhi-Gurugram 30 Mins: अब बस 30 मिनय में पहुचेंगे दिल्ली से गुरुग्राम, जानिए गडकरी का नया प्लान