Heatwave in India
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    Heatwave in India: भारत के कई हिस्सों में इन दिनों भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है। हाल के अपडेट के अनुसार, तेलंगाना और देश के अन्य कई क्षेत्रों में भयंकर हीटवेव का असर देखा जा रहा है। कई जगहों पर तापमान 44°C से ऊपर पहुंच गया है, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इस स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किए हैं और नागरिकों से सावधानी बरतने का आग्रह किया है।

    Heatwave in India तेलंगाना में स्थिति गंभीर-

    IMD-हैदराबाद ने 24 से 26 अप्रैल तक पूरे तेलंगाना राज्य को ऑरेंज अलर्ट पर रखा है। आदिलाबाद, कुमरम भीम आसिफाबाद, मंचेरियल, निर्मल, निजामाबाद और जगतियाल जैसे जिलों में तापमान 44°C से अधिक दर्ज किया जा रहा है। इनमें सबसे ज्यादा गर्मी निर्मल में महसूस की जा रही है, जहां तापमान 44.5°C तक पहुंच गया है।

    मौसम विज्ञानियों के अनुसार, उत्तर-दक्षिण ट्रफ (north-south trough) के कारण सामान्य मौसम प्रणालियों में गड़बड़ी आ रही है, जिससे गर्मी की स्थिति और भी तीव्र हो गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कई वर्षों में ऐसी भीषण गर्मी कम ही देखने को मिली है।

    "इतनी तेज धूप है कि दोपहर में बाहर निकलना मुश्किल हो गया है," हैदराबाद के एक निवासी रमेश ने बताया। "घर से ऑफिस जाने के लिए भी दो बार सोचना पड़ता है।"

    Heatwave in India सिर्फ तेलंगाना ही नहीं, पूरे भारत में हीटवेव का कहर-

    यह हीटवेव सिर्फ तेलंगाना तक ही सीमित नहीं है। उत्तरी, मध्य और पूर्वी भारत के राज्य भी इसकी चपेट में हैं। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा और मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में हीट अलर्ट जारी किए गए हैं, जहां कई क्षेत्रों में दिन का तापमान 43°C से ऊपर दर्ज किया जा रहा है।

    दिल्ली के NCR क्षेत्र में तापमान 41 से 43°C के बीच है और येलो अलर्ट जारी किया गया है। उत्तर प्रदेश के आगरा और कानपुर जैसे शहरों में ऑरेंज अलर्ट है। बिहार की राजधानी पटना में तापमान 40°C तक पहुंचने की उम्मीद है और राज्य में येलो अलर्ट जारी किया गया है। इसी तरह, ओडिशा के झारसुगुड़ा और बोलांगीर सहित कई जिलों में ऑरेंज और येलो अलर्ट की स्थिति है।

    Heatwave in India जनजीवन पर पड़ रहा गंभीर असर-

    जैसे-जैसे हीटवेव की तीव्रता बढ़ रही है, रोजमर्रा की जिंदगी पर इसका बुरा असर पड़ रहा है। लोगों से अपील की जा रही है कि वे दोपहर के चरम सूर्य तपन के समय, आमतौर पर दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे के बीच, हीटस्ट्रोक और अन्य गर्मी से संबंधित बीमारियों से बचने के लिए घरों के अंदर ही रहें।

    हैदराबाद और पटना जैसे शहरों में दोपहर के समय सड़कें सूनी नजर आ रही हैं, क्योंकि निवासी एयर-कंडीशनर वाले कमरों या छायादार स्थानों में शरण ले रहे हैं। अस्पतालों ने हीटस्ट्रोक के मामलों में वृद्धि की सूचना दी है, और अधिकारी लोगों को हर हाल में हाइड्रेटेड रहने की चेतावनी दे रहे हैं।

    "पिछले हफ्ते से हमारे अस्पताल में हीटस्ट्रोक के मरीजों की संख्या में 30% की बढ़ोतरी हुई है," हैदराबाद के एक सरकारी अस्पताल के डॉ. मेहता ने बताया। "हम लोगों से अपील करते हैं कि वे घर से निकलते समय पानी की बोतल, छाता और टोपी जरूर साथ रखें।"

    गर्मी से बचाव के उपाय-

    हीट वेव के इस दौर में सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि दिन में कई बार पानी पीना चाहिए, भले ही प्यास न लगी हो। साथ ही, नींबू पानी, छाछ, नारियल पानी जैसे तरल पदार्थों का सेवन करना फायदेमंद होता है।

    स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि वे हल्के, ढीले और सूती कपड़े पहनें, धूप में निकलते समय सिर को ढककर रखें और अगर संभव हो तो दोपहर में बाहर जाने से बचें। बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

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    आगे का अनुमान-

    IMD का अनुमान है कि सप्ताह भर हीटवेव की स्थिति जारी रहेगी, हालांकि सप्ताहांत तक कुछ क्षेत्रों में मामूली राहत मिलने की संभावना है। चिलचिलाती धूप और उमस भरी गर्मी से निपटने के लिए नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

    लंबे समय तक चलने वाली इस भीषण गर्मी से जलवायु अनुकूलन और मजबूत हीटवेव तैयारियों की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश पड़ता है। क्लाइमेट एक्सपर्ट्स का कहना है कि आने वाले वर्षों में ऐसी परिस्थितियां और भी आम हो सकती हैं, इसलिए दीर्घकालिक रणनीतियों पर काम करना जरूरी है।

    "हर साल गर्मी का पारा बढ़ता जा रहा है। यह जलवायु परिवर्तन का स्पष्ट संकेत है," पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. शर्मा ने कहा। "हमें व्यक्तिगत स्तर पर सावधानी बरतने के साथ-साथ नीतिगत स्तर पर भी ठोस कदम उठाने होंगे।" नागरिकों से अपील की जा रही है कि वे अपने आसपास के लोगों, विशेष रूप से बुजुर्गों और बच्चों का ख्याल रखें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत मेडिकल हेल्प लें।्

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