Nepal 100 Rupee Note
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    Nepal 100 Rupee Note: नेपाल ने गुरुवार को अपना नया 100 रुपये का नोट जारी किया है, जिसमें लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी जैसे विवादित इलाकों को शामिल करते हुए, अपडेटेड नक्शा छापा गया है। ये वही इलाके हैं, जिन्हें भारत अपना हिस्सा मानता है। इस कदम से एक बार फिर दोनों पड़ोसी देशों के बीच सीमा विवाद सुर्खियों में आ गया है।

    नेपाल राष्ट्र बैंक (NRB), जो कि हिमालयी देश का सेंट्रल बैंक है, ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी करते हुए बताया कि नए 100 रुपये के नोट को बेहतर सुरक्षा और पहचान की सुविधाओं के साथ डिजाइन किया गया है ताकि इसकी प्रामाणिकता और उपयोगिता बढ़ाई जा सके। दिलचस्प बात यह है कि पिछले साल अक्टूबर में NRB ने इन नए नोटों की प्रिंटिंग की जिम्मेदारी एक चीनी कंपनी को सौंपी थी।

    कैबिनेट ने दी थी मंजूरी-

    100 रुपये के इस नोट के डिजाइन को नेपाल की कैबिनेट ने मई 2024 में तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की अध्यक्षता वाली बैठक में मंजूरी दी थी। प्रिंटिंग का कॉन्ट्रैक्ट चाइना बैंकनोट प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉर्पोरेशन को दिया गया था। याद रहे कि 20 मई 2020 को नेपाल ने संवैधानिक संशोधन के जरिए लिम्पियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी को शामिल करते हुए अपना नया नक्शा जारी किया था।

    नेपाल राष्ट्र बैंक एक्ट के तहत, NRB नोटों को डिजाइन करने के लिए जिम्मेदार है, हालांकि नोटों के डिजाइन या साइज में किसी भी तरह का बदलाव करने के लिए सरकार की मंजूरी जरूरी होती है। इस बार के नए नोट में कई खास फीचर्स जोड़े गए हैं जो इसे पुराने नोट से अलग बनाते हैं।

    नए नोट की खास बातें-

    नए नोट के बाईं ओर माउंट एवरेस्ट बना हुआ है और दाईं ओर रोडोडेंड्रन का वॉटरमार्क है, जो नेपाल का राष्ट्रीय फूल है। नोट के बीच में नेपाल का नक्शा और अशोक स्तंभ की तस्वीर है, जबकि मुख्य डिजाइन में एक सींग वाला गैंडा अपने बच्चे के साथ दिखाया गया है। नेत्रहीन उपयोगकर्ताओं के लिए अशोक स्तंभ के पास एक टैक्टाइल ब्लैक डॉट जोड़ा गया है ताकि वे छूकर नोट की पहचान कर सकें।

    नोट का रंग और साइज पुराने वर्जन जैसा ही रखा गया है। बाईं ओर एक ओवल के अंदर माया देवी की तस्वीर सिल्वर मेटैलिक इंक में छपी है। गारंटी टेक्स्ट, जो सरकार की ओर से नोट धारक को 100 रुपये के भुगतान का आश्वासन देता है, अब भी नोट पर छपा हुआ है।

    सुरक्षा के लिहाज से, नोट में 2 मिलीमीटर की एक विशेष सिक्योरिटी थ्रेड लगाई गई है जो सीधे देखने पर लाल और तिरछे देखने पर हरी दिखाई देती है। नोट पर तत्कालीन गवर्नर महा प्रसाद अधिकारी के हस्ताक्षर हैं और नीचे नेपाली अंकों में “2081” सीरीज नंबर अंकित है।

    चीन से कराई प्रिंटिंग, खर्च हुए करोड़ों-

    NRB ने चीनी कंपनी को 300 मिलियन यानी 30 करोड़ 100 रुपये के नोट डिजाइन करने, प्रिंट करने, सप्लाई करने और डिलीवर करने का कॉन्ट्रैक्ट दिया था। कुल प्रिंटिंग लागत करीब 8,996,592 अमेरिकी डॉलर यानी लगभग 1.2 बिलियन नेपाली रुपये आंकी गई है। इसका मतलब है कि हर 100 रुपये के नोट को छापने की लागत करीब 4 रुपये और 4 पैसे आती है।

    भारत-नेपाल सीमा विवाद की जड़ें-

    कालापानी क्षेत्र को लेकर भारत का स्टैंड साफ है कि यह भारतीय क्षेत्र का हिस्सा है। यह दावा 1816 की सुगौली संधि पर आधारित है, जिसने काली नदी के आधार पर नेपाल के साथ सीमा तय की थी। भारत का कहना है कि यह नदी कालापानी गांव से निकलती है, जबकि नेपाल का तर्क है कि यह और उत्तर में लिम्पियाधुरा से शुरू होती है। इसी व्याख्या के अंतर की वजह से यह इलाका विवादित बना हुआ है।

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    विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?

    भारत के विदेश मंत्रालय ने नेपाल के इस नक्शे की कड़ी निंदा की है और इसे “एकतरफा कदम” करार दिया है। मंत्रालय ने साफ शब्दों में कहा है कि यह एकतरफा कार्रवाई “जमीनी हकीकत को नहीं बदलती”। भारत का मानना है, कि यह विवाद द्विपक्षीय बातचीत से सुलझाया जाना चाहिए, न कि एकतरफा नक्शे छाप कर।

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