व्रत में क्यों नहीं खाया जाता नमक? यहां जानें 6 कारण

संयम और त्याग का प्रतीक-  नमक वर्जित रहकर व्रत यह संदेश देता है, कि भौतिक सुखों से दूरी बनाना ही आध्यात्मिकता की राह है।

मानसिक एवं आत्मिक अनुशासन की कसौटी- नमक की अनुपस्थिति हमें आत्म-नियंत्रण और दृढ़ता की परीक्षा लेने को प्रेरित करती है।

शुद्धि की राह- नमक छोड़ने का अभ्यास हमें आंतरिक शुद्धि और मानसिक विशुद्धता से जोड़ता है।

नेचुरल डिटॉक्स- नमक का त्याग शरीर में प्राकृतिक डिटॉक्स प्रक्रिया को गति देता है, जिससे स्वास्थ्य लाभ होता है। 

चट्टानी नमक की अनुमति- जहां साधारण नमक वर्जित है, वहीं शुद्ध माना जाने वाला रॉक साल्ट।