नवजात शिशु को पहली बार खाना खिलाना (अन्नप्राशन), विवाह (दूल्हा-दुल्हन पर चावल की वर्षा) और नामकरण संस्कार जैसे प्रमुख जीवन-चक्र संस्कारों में चावल अहम भूमिका निभाता है।
पोंगल/फसल त्योहारों (जैसे पोंगल, मकर संक्रांत) में पकाया हुआ चावल भगवान सूर्य को अर्पित किया जाता है, कृतज्ञता और समृद्धि की प्रतीकता के तौर पर।