"रात के ढाई बजे थे तेज़ बारिश हो रही थी और मैं अपने ऑफिस से लौट रहा था। तभी एक पुरानी, टूटी सी चाय की दुकान दिखी,

मैंने अंदर जाकर कहा, भैया, एक चाय देना।  वो बिना कुछ बोले मुस्कुराया, लेकिन उसकी आंखें बिलकुल सूनी जैसे उनमें जान ही नहीं थी।

मैंने चाय का पहला घूंट लिया और तभी मेरे फोन की स्क्रीन ब्लैक हो गई, घड़ी में वक़्त फ्रीज़ हो गया था 2:33AM मैं डर गया।

बाहर देखा तो सब गायब था, ना सड़क, ना बारिश बस अंधेरा। मैंने डरते हुए पूछा 'ये क्या हो रहा है?'  

दुकान के अंदर दीवार पर एक पुरानी फोटो, जिसमें वही मैं और चाय वाला बूढ़ा एक साथ खड़े हैं लेकिन मैं कभी वहाँ आया ही नहीं था

वो बूढ़ा मुस्कुराया और बोला ‘जिस दुकान में तुम बैठे हो, वो बीस साल पहले जल चुकी थी और उस दिन एक लड़का ठीक तुम्हारी तरह यहीं मरा था।’"