पितृपक्ष 2025, 7 से 21 सितंबर तक पूर्वजों को तर्पण और श्राद्ध से समर्पित है।

तर्पण, पिंडदान और दान-पुण्य पितृपक्ष के मुख्य अनुष्ठान हैं।

श्राद्ध में ब्राह्मण, गाय, कौवे और जरूरतमंदों को भोजन कराना शुभ माना जाता है।

इस दौरान मांसाहार, प्याज़-लहसुन, शराब और नए कामों से परहेज़ करें।

श्राद्धकर्ता संयम रखें और तांबे-चांदी के बर्तनों का प्रयोग करें।

श्राद्ध से पितरों की आत्मा को शांति और वंशजों को आशीर्वाद मिलता है।